बिलासपुर: केंद्रीय खनन अनुसंधान केंद्र (सीआईएमएफ), बिलासपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हर्ष वर्मा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भू-विज्ञान पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया है। डॉ. वर्मा को यह पुरस्कार खनन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए दिया गया।
खनन प्रौद्योगिकी में असाधारण योगदान
डॉ. हर्ष वर्मा पलारी के ग्राम कोसमंदी के निवासी हैं। उन्होंने सीएसआईआर केंद्रीय खनन व ईंधन अनुसंधान संस्थान, बिलासपुर में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक के रूप में कार्य करते हुए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में योगदान दिया है। उनकी उपलब्धियों में भूमिगत गुफाओं के सुरक्षित निर्माण, जलविद्युत राजमार्गों और मेट्रो परियोजनाओं में विशेष योगदान शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने भूमिगत कोयला खदानों के लिए एक नवीन स्थायी तकनीक भी विकसित की है।
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण
डॉ. वर्मा का नाम तब और भी प्रमुखता से सामने आया, जब उन्होंने विगत वर्ष नोएडा के विवादित ट्विन टावर को बिना आसपास की संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए उन्हें राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार से नवाजा गया, जो खनन प्रौद्योगिकी में उनके योगदान का महत्वपूर्ण प्रमाण है।