बिलासपुर। शहर के दो प्रमुख स्थानों—36 मॉल और बिलासपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन—पर शनिवार, 10 मई को आपदा प्रबंधन, आतंकी हमलों और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह सुरक्षा अभ्यास वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह और कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशन में संपन्न हुआ।


🔥 36 मॉल में आग, बम और अफरातफरी का सजीव अभ्यास

मॉल में काल्पनिक आग लगने की स्थिति उत्पन्न की गई। फायर अलार्म बजते ही फायर ब्रिगेड और सुरक्षा दल ने मॉल के भीतर मौजूद लोगों को तेज़ी और अनुशासन के साथ बाहर निकाला। साथ ही आपात प्राथमिक उपचार की प्रक्रिया भी प्रदर्शित की गई।

इसके बाद हवाई हमले की आशंका को दर्शाते हुए सुरक्षाबलों ने मॉल को सुरक्षित ज़ोन में बदलने, लोगों को संरक्षित स्थानों की ओर ले जाने और अफरातफरी से बचाव की रणनीति को व्यवहारिक रूप में दिखाया।

मॉल के अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध वस्तुएं रखी गई थीं, जिन्हें डॉग स्क्वाड की मदद से खोजा गया और फिर बम निरोधक दस्ते ने सुरक्षात्मक तरीके से निष्क्रिय करने की प्रक्रिया को प्रस्तुत किया।

भीड़ नियंत्रण, निर्देशन, और अफवाहों से बचाव जैसे पहलुओं पर नागरिकों को भी प्रशिक्षित किया गया। आम लोगों को मॉक ड्रिल में शामिल कर उनकी भूमिका स्पष्ट की गई, जिससे आपदा की स्थिति में जन-सहयोग सुनिश्चित किया जा सके।


🚨 रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बलों की मुस्तैदी का प्रदर्शन

बिलासपुर जंक्शन में संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान, पूछताछ और तलाशी की कार्यवाही आरपीएफ और जीआरपी द्वारा प्रदर्शित की गई।

डॉग स्क्वाड की मदद से प्लेटफॉर्म, वेटिंग एरिया, पार्सल रूम, और ट्रेनों के डिब्बों की गहन जांच की गई। संभावित विस्फोटक सामग्री को सुरक्षित ढंग से हैंडल करने की प्रक्रिया दिखाई गई।

रेलवे स्टेशन जैसी भीड़भाड़ वाली जगह पर यह अभ्यास किया गया कि किसी आपात स्थिति में कैसे लोगों को तेजी से बाहर निकाला जाए, संचार एवं मार्गदर्शन कैसे किया जाए और पैनिक सिचुएशन से कैसे निपटा जाए।


🧑‍✈️ वरिष्ठ अधिकारियों ने की मॉक ड्रिल की सराहना

एसएसपी रजनेश सिंह और कलेक्टर संजय अग्रवाल दोनों ही स्थलों पर स्वयं उपस्थित रहे और मॉक ड्रिल की संपूर्ण प्रक्रिया का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को समन्वय एवं त्वरित कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए और उनकी सक्रियता की प्रशंसा की।

ड्रिल पूर्ण होने के बाद अधिकारियों ने जनता के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे अभ्यास न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी को परखते हैं, बल्कि आम नागरिकों में आत्मविश्वास और जागरूकता भी बढ़ाते हैं।

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