बिलासपुर। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सी.एस.सी. ई गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड के सहयोग से छत्तीसगढ़ राज्य में सातवीं आर्थिक गणना की जा रही है। इस कार्य में बिलासपुर जिला प्रदेश के साथ ही पूरे देश में भी अव्वल स्थान पर है।
जिले में कुल 24 हजार 35 स्थापना एवं परिवारों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इसी तारतम्य में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार के उप महानिदेशक पंकज श्रीवास्तव ने जिले के कलेक्टर डॉ. संजय अलंग से मुलाकात की। उन्होंने सातवें आर्थिक गणना के जिला एवं राज्य स्तर पर हो रहे क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की। आर्थिक गणना में बिलासपुर जिले के क्रियान्वयन की सराहना करते हुए इसके लिए विभिन्न विभागों के मध्य आपसी तालमेंल पर जोर दिया गया।
कलेक्टर डॉ. अलंग ने जिले के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त करते हुए आर्थिक गणना की प्रगति की दैनिक समीक्षा करने की बात कही। साथ ही कलेक्टर ने जिले के नागरिकों से आर्थिक गणना के लिए प्रगणकों द्वारा पूछे जाने वाली जानकारियां बेझिझक देने की अपील की।
अधिकारियों ने बाद तिफरा एवं सरकंडा क्षेत्र में सातवीं आर्थिक गणना के क्षेत्रीय कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के द्वारा प्रगणक एवं सुपरवाइर का आवश्यक मागदर्शन किया।
भारत सरकार द्वारा अब तक 6 बार आर्थिक गणना की जा चुकी है। आर्थिक गणना के अन्तर्गत देश के सभी उद्यम एवं प्रतिष्ठानों की गणना की जाती है। इसमें असंगठित क्षेत्रों के उद्यम भी शामिल हैं, जिनका भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन करने में बड़ा योगदान होता है। राज्य एवं जिला स्तर पर सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु योजना बनाने में आर्थिक गणना से एकत्र की गई जानकारियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
बैठक में रोशन लाल साहू, उप महानिदेशक, एन.एस.ओ. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार, सुरेश कुमार कश्यप उपसंचालक जिला योजना एवं सांख्यिकी, मदन मोहन राउत, राज्य प्रमुख, सी.एस.सी. ई गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड, सुरेन्द्र सिंह ठाकुर, सहायक संचालक आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय रायपुर उपस्थित थे।