बिलासपुर। छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (सिम्स), बिलासपुर में 4 अक्टूबर 2025 को एमबीबीएस बैच 2025-26 के लिए वाइट कोट सेरेमनी और इंडक्शन डे उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई।
नए छात्रों का स्वागत
सहायक स्टूडेंट सेल प्रभारी डॉ. सचिन पांडेय ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान की शैक्षणिक और नैतिक परंपराओं से अवगत कराया।
वाइट कोट का महत्व बताया
सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने विद्यार्थियों को चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि वाइट कोट केवल वस्त्र नहीं, बल्कि सेवा, संवेदना और जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने अनुशासन, करुणा और निरंतर सीखने को चिकित्सक के व्यक्तित्व की आधारशिला बताया।
समारोह में नए छात्रों को प्रतीकात्मक रूप से वाइट कोट पहनाकर चिकित्सा सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप दिया गया।
विशेष गौरव का अवसर
इस वर्ष का एक विशेष उल्लेखनीय तथ्य यह रहा कि बिलासपुर संभाग आयुक्त महादेव कवारे और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. दिलीप जैन के सुपुत्र ने भी इसी बैच में प्रवेश लिया है। इससे संस्थान की प्रतिष्ठा और आकर्षण में वृद्धि को दर्शाता है।
संस्थान की प्रगति
सिम्स की शुरुआत वर्ष 2001 में 100 छात्रों के पहले बैच के साथ हुई थी, जो अब 2025 में बढ़कर 150 छात्रों तक पहुंच गया है। यह प्रदेश का दूसरा मेडिकल कॉलेज है और निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियां
समारोह में डॉ. मधुमिता मूर्ति (विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया), डॉ. अर्चना सिंह (विभागाध्यक्ष, रेडियो डायग्नोसिस), डॉ. आरती पांडेय (विभागाध्यक्ष, ईएनटी), डॉ. संगीता रमन जोगी (विभागाध्यक्ष, स्त्री रोग), डॉ. भूपेंद्र कश्यप (नोडल अधिकारी, सिम्स) सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख, फैकल्टी सदस्य, अभिभावक और वरिष्ठ छात्र बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम का समापन फिजियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व मेडिकल एजुकेशन यूनिट प्रभारी डॉ. केशव कश्यप द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।