शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अपने पहले ही भाषण में महापौर ने अधिकारियों, कर्मचारियों को चेतावनी दी
बिलासपुर। मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि नई शहर सरकार बिलासपुर के बीते 15 साल में बन चुकी खोदापुर की पहचान बदलेगी और इसे न्यायधानी नाम के अनुरूप विकसित किया जायेगा। महापौर रामशरण यादव और सभापति शेख नजीरूद्दीन के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर पुलिस ग्राउंड में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे बघेल ने यह बात कही।
बघेल ने आज कोरबा नगर-निगम के महापौर चुनाव में कांग्रेस की जीत की चर्चा करते हुए प्रदेश के सभी दस नगर-निगमों में कांग्रेस को विजय दिलाने के लिए प्रदेश की शहरी जनता का आभार माना और इसे छेरछेरा पर्व का उपहार बताया। उन्होंने कहा कि पता नहीं आगे का परिणाम क्या आये न लेकिन इस बार की जीत ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छेरछेरा पर्व के पौराणिक, ऐतिहासिक और लोक महत्व पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि केवल पुल-पुलिया बना देने से विकास नहीं होता। आम लोगों की समस्याओं को दूर करना उन्हें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आवास की व्यवस्था कराना इससे भी बड़ा काम है। शहरी निकायों को आम जनता तक यह सुविधा सुलभ कराने की जिम्मेदारी है। पार्षदों को बधाई देते हुए उन्होंने उनके चुनाव को सांसद-विधायक से भी ज्यादा कठिन बताते हुए कहा कि आपका आम लोगों से सीधे सीधे संवाद होता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायक शैलेष पांडेय, विधायक रश्मि सिंह और प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव द्वारा अपने उद्बोधनों में उठाये गये अरपा नदी के दूसरे छोर पर रिवर व्यू की मांग और अन्य मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि बिलासपुर से उनका आत्मीय रिश्ता है। हमेशा से यह मेरा प्रिय शहर रहा है और हमेशा यहां से लगाव है। बिलासपुर के विकास से जुड़ी किसी भी मांग के लिए धन की कोई नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कांग्रेस के दिवंगत नेता शेख गफ्फार को भी याद किया और उनके नाम पर एक वार्ड के नामकरण पर अटल श्रीवास्तव की मांग पर सहमति दी। गफ्फार के लिए समारोह में एक मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस मौके पर कहा कि नगरीय निकाय चुनाव हमने एक साल की उपलब्धियों को जनता के सामने लेकर लड़ा था और इसी के चलते प्रदेश के सभी दस नगर-निगमों में जनता ने कांग्रेस के महापौर जिताये और प्रदेश की 151 नगर पंचायतों में 102 में कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि पूरे देश में भूपेश बघेल सबसे ज्यादा परिश्रमी मुख्यमंत्री हैं। भाजपा सरकार ने शहरी निकायों से जनप्रतिनिधियों के अधिकार छीन लिये थे, कांग्रेस ने उसे वापस किया है। अब शहरों का तेजी से विकास होगा।
सभा को सम्बोधित करते हुए महापौर रामशरण यादव ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों को चेतावनी दी कि जनता की तकलीफों का निराकरण करने में उन्होंने यदि देरी की तो मुझसे वे किसी तरह की उम्मीद मत रखें। सभापति शेख नजीरुद्दीन ने भी ‘जमीन के कार्यकर्ता को इतनी ऊंचाई’ तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार माना।
सभा में कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने महापौर व सभापति को संविधान, कर्तव्य निष्ठा तथा पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
छोटे पार्षद अब बन गये ‘छोटे मियां…’
पार्षद के साथ-साथ अब सभापति की भूमिका में आ चुके शेख नजीरूद्दीन को नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने ‘छोटे मियां’ कहकर सम्बोधित किया। लोगों में ठहाके लगे, मंच पर बैठे नजीरूद्दीन भी हाथ जोड़कर खड़े हो गये। पर डहरिया अपने सम्बोधन पर ही कायम रहे। बाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उन्हें छोटे मियां कहकर ही सम्बोधित किया।
बहुत दिनों के बाद आज पुराने कांग्रेसी एक साथ मंच पर दिखे। इनमें पूर्व सांसद रामाधार कश्यप, पूर्व विधायक बैजनाथ चंद्राकर, पूर्व महापौर राजेश पांडेय व वाणी राव आदि शामिल थे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय, आशीष सिंह ठाकुर, प्रमोद नायक, राजकुमार तिवारी, संगठन के अनेक पदाधिकारी तथा सभी कांग्रेसी पार्षद तथा अनेक पूर्व पार्षद मंच पर मौजूद थे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद अरूण साव सहित भाजपा के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था पर मंच पर केवल त्वरित पूर्व महापौर किशोर राय ही दिखे।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री का स्वागत छेरछेरा पर आधारित लोक नृत्य और फुगड़ी गीत से किया गया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ ग्रामीण खेल खेलकर भी उनका मन जीता। उन्होंने पिट्ठुल खेला, कंचा बांटी से भी निशाना साधा।
समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस पार्षद अपने वार्डों से रैलियां लेकर पहुंचे थे।