विवेकानंद उद्यान में स्वच्छता -जागरूकता  पर परिचर्चा, वक्ताओं ने कहा -स्वच्छता में सभी की भागीदारी जरूरी

पूरे शहरवासियों के सहयोग से महात्मा गांधी जी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2018 को बिलासपुर शहर सबसे स्वच्छ शहर हो जाएगा। इसके लिए हम सभी संकल्पित हैं। सितंबर के पहले सप्ताह में कछार में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट आधारित आरडीएफ प्लांट और शहर के मुख्य मार्गों की सफाई के लिए आईसीटी बेस्ड मैकेनिजम सिस्टम शुरू हो जाएगा। इससे शहर की सफाई पहले से और बेहतर होगी।
उक्त बातें सोमवार की शाम विवेकानंद उद्यान में आयोजित स्वच्छता जागरूकता परिचर्चा में नगरीय निकाय व विकास और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार लालकिला से भाषण दिया तो उन्होंने ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’ का नारा दिया। इसे पूरे देश में जनआंदोलन के रूप में शुरू किया गया। इसका परिणाम यह है कि देश में स्वच्छता की लहर चल रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद देश के 4302 शहरों में बिलासपुर को 22वां रैंक मिला है। इसी तरह 110 स्मार्ट शहरों में रहने लायक शहरों में बिलासपुर ने 13वां स्थान प्राप्त किया। इस बात गर्व है कि हम सभी के प्रयास से बिलासपुर शहर आज नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कचरे के विधिवत निष्पादन के लिए अंबिकापुर मॉडल की प्रशंसा की और पूरे 162 यूएलबी अपनाने और कचरे का विधिवत निष्पादन करने की बात कही। इस दौरान उन्होंने शहरवासियों से इसी तरह प्रेम-स्नेह व आपसी सामंजस्य से रहने की अपील की।

 

नगर-निगम कमिश्नर सौमिल रंजन चौबे ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में 22वां स्थान और रहने लायक शहरों में 13वां स्थान आना पर शहर वासियों के सहयोग से हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वच्छता मिशन की शुरुआत में खुले में शौच मुक्त शहर करना एक बड़ी चुनौती थी, जिसे भी सभी के सहयोग से पूरा किया जा सका है। इस दौरान उन्होंने स्वच्छता को बनाए रखने व्यवहार में परिवर्तन लाने की अपील की। कार्यक्रम में महापौर किशोर राय, स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर डा. देवेंद्र सिंह, हरीश केडिया, एमआईसी सदस्य अंजनी कश्यप, प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलक राज सलूजा, पत्रकार यशवंत गोहिल सहित जनप्रतिनिधि, शहर के लोग व निगम के अधिकारी व कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

वक्ताओं ने यह कहाः-

सुधाकर दुबेः (शिक्षा जगत)- एक समय शहर में 6 इंच की नाली हुआ करती थी, लेकिन अब स्वच्छता बनाए रखने के लिए अंडरग्राउंड सिस्टम जैसी योजना जरूरी है। निश्चित रूप से यह योजना सफल होगी और बरसों तक शहर को स्वच्छ रखने में हमें मदद मिलेगी।

जया अग्रवालः (प्रोफेसर, जेपी वर्मा कॉलेज)– स्वच्छता में हमारा शहर देश के 22वें स्थान पर है यह गर्व की बात है। शहर में सुव्यवस्थित पानी निकासी के लिए कांक्रीट नालियां बनाई जा रही हैं। स्लैब पर वार्ड का नाम भी है जो व्यवस्थित काम का परिचायक है। कचरा फैलाने वालों पर जुर्माना किया जाए और व्यापार विहार मार्ग पर तुलसी के पौधे लगाए जाएं।

यशवंत गोहिलः (पत्रकार, हरिभूमि)-स्वच्छता पर हम नहीं, मैं, से बात करनी होगी। हर एक का माइंट सेट होना जरूरी है। गीला कचरा, सूखा कचरा ने लोगों के व्यवहार में बदलाव लाया है। स्वच्छता हमारे जीवन में सदियों से जुड़ा है। हमें प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना चाहिए।

हरीश केडियाः(अध्यक्ष, लघु उद्योग संघ छत्तीसगढ़) स्वच्छता मिशन अभियान से पहले विदेशी यहां  भ्रमण करने कम लोग आते थे। मेरी विदेश यात्रा के दौरान मेरे एक पारिवारिक मित्र, जो ट्रैवलिंग व्यवसाय से जुड़े हैं, उन्होंने बताया कि पहले मेरे पास 10-12 कर्मचारी थे अब 150 से अधिक हैं। इसकी वजह पर्यटन स्थलों में पहले से बेहतर सफाई होना है। हम पान-गुटखा कहीं भी थूकने से बचें और स्वच्छता को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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