हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का राज्य सरकार से अनुरोध

बिलासपुर एयरपोर्ट के 4सी श्रेणी में विस्तार के लिए हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की तर्ज पर एक पृथक संस्था या कंपनी के गठन की मांग की है। समिति का कहना है कि इस परियोजना का मूल्य 300 करोड़ रुपये से अधिक होगा, और वर्तमान व्यवस्था में कार्यान्वयन में अत्यधिक समय लग सकता है।

मौजूदा व्यवस्था में देरी की आशंका
समिति ने कहा कि वर्तमान में विमानन विभाग के निर्देश पर कलेक्टर से प्रस्ताव भेजा जाता है, जिसके बाद विमानन, वित्त और पीडब्ल्यूडी से अनुमतियाँ प्राप्त करनी पड़ती हैं। यह प्रक्रिया अत्यधिक समय लेने वाली होती है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने अपने एयरपोर्ट विकसित करने के लिए एक पृथक कंपनी का गठन किया है, जिसे वित्तीय अधिकार भी दिए गए हैं।

अन्य राज्यों का मॉडल
समिति ने उदाहरण दिया कि महाराष्ट्र में शिर्डी और नागपुर एयरपोर्ट का विकास इसी प्रकार की कंपनी द्वारा किया गया है। आंध्र प्रदेश में भी नए एयरपोर्ट का विकास राज्य की सरकारी कंपनी के तहत हो रहा है। ऐसे में बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर एयरपोर्ट के विकास के लिए भी इसी प्रकार की संस्था का गठन किया जाना चाहिए।

प्रोजेक्ट में समय की चुनौती
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि बिलासपुर एयरपोर्ट का 4सी विस्तारीकरण एक बड़ा प्रोजेक्ट है जिसमें कई अलग-अलग स्तरों पर कार्य होंगे। यदि इस परियोजना को वर्तमान व्यवस्था में छोड़ा गया, तो इसमें लंबा समय लग सकता है। समिति ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार एक ऐसी संस्था का गठन करे, जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया या अन्य संबंधित संस्थानों के अनुभवी व्यक्तियों को शामिल किया जाए।

समिति का महाधरना जारी
दशहरे के अवकाश के बाद भी हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महाधरना जारी रहा। धरने में प्रमुख रूप से रवि बनर्जी, अशोक भंडारी, दीपक कश्यप, डॉ. प्रदीप, अल्फाज शेख, बद्री यादव, चित्रकांत श्रीवास, देवेंद्र सिंह ठाकुर, मनोज तिवारी, रमाशंकर बघेल, प्रकाश बहरानी, आशुतोष शर्मा, गोपी राव, संतोष पीपलवा, रणजीत सिंह खनूजा, प्रतीक तिवारी, नरेश यादव, अखिल अली, मोहसिन अली, और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here