बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा है कि जब तक बिलासपुर में 4C कैटेगरी का एयरपोर्ट नहीं बन जाता, तब तक उनका जन आंदोलन जारी रहेगा। आज समिति की एक बड़ी बैठक महाधरना स्थल पर हुई, जिसमें आंदोलन की अगली रणनीति तय की गई।

बैठक में सर्वसम्मति से दो प्रमुख मांगों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया। पहली मांग- रक्षा मंत्रालय को 71 करोड़ रुपए की राशि जल्द भेजी जाए ताकि सेना के कब्जे वाली 290 एकड़ जमीन एयरपोर्ट प्रबंधन को वापस मिल सके। दूसरी मांग- देश के चारों दिशाओं में कम से कम एक-एक उड़ान रोजाना बिलासपुर से संचालित हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार आवश्यक कदम उठाएं।

समिति का कहना है कि बिलासपुर फिलहाल राजनीतिक रूप से बेहद मजबूत स्थिति में है, क्योंकि यहां से प्रतिनिधित्व केंद्र और राज्य सरकार दोनों में है। इसलिए समिति का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मिलकर हवाई सुविधा विस्तार की मांग को रखेगा।

बैठक में यह भी तय किया गया कि बिलासपुर क्षेत्र के अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधियों अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक, अटल श्रीवास्तव, सुशांत शुक्ला और दिलीप लहरिया से मुलाकात कर उनके सक्रिय सहयोग की अपील की जाएगी।

समिति ने विधायक धर्मजीत सिंह के उस ऐलान का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने वादा किया कि वे आगामी विधानसभा सत्र में हवाई सुविधा का मुद्दा जोरशोर से उठाएंगे। समिति ने स्पष्ट किया कि जब तक बिलासपुर अंचल की उपेक्षा खत्म नहीं होती, तब तक ‘विकसित छत्तीसगढ़’ या ‘विकसित भारत’ का सपना अधूरा रहेगा। यही बात सरकार और प्रशासन को गंभीरता से समझनी होगी।

आज के महाधरना में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी रही। इसमें बद्री यादव, मनोज तिवारी, अनिल गुलहरे, मोहन जायसवाल, देवेंद्र ठाकुर, डॉ प्रदीप राही, समीर अहमद बबला, अशोक भंडारी, चित्रकांत श्रीवास, महेश दुबे, टाटा प्रकाश बहरानी, नंदलाल मोटवानी, प्रदीप बहरानी, संतोष पीपलवा, चंद्र प्रकाश जायसवाल, प्रतीक तिवारी, आशुतोष शर्मा, जसवीर सिंह चावला, मजहर खान, शिरीष कश्यप, अखिल अली, शाहबाज अली और सुदीप श्रीवास्तव शामिल रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here