बिलासपुर। बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधा अब भी सपना बनी हुई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की टीम यहां अधूरा काम छोड़कर वापस लौट गई क्योंकि PWD विभाग तय रफ्तार से काम नहीं कर पा रहा है। खासकर इलेक्ट्रिकल काम की चाल बेहद धीमी है।
AAI की टीम ने भरोसा दिलाया है कि वे 15 दिन में फिर लौटेंगे, लेकिन अब बारिश शुरू हो गई है, जिससे रनवे के आसपास के कामों में काफी परेशानी आने वाली है।
3 साल से लटका है नाइट लैंडिंग प्रोजेक्ट
करीब तीन साल पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की मंजूरी दी थी और 2023 के मध्य में इसके लिए बजट भी जारी हो गया था। लेकिन अब तक काम अधूरा है। नाइट लैंडिंग न होने से न केवल रात की उड़ानें बाधित होती हैं, बल्कि बारिश, कोहरे या धुंध के समय भी विमान उतर नहीं पाते।
इस वजह से कई एयरलाइंस कंपनियां बिलासपुर से उड़ान शुरू करने से कतरा रही हैं।
चार विभागों के चक्कर में फंसा काम
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि एयरपोर्ट विकास के काम में चार विभागों की फाइलें घूमती रहती हैं। हर स्वीकृति में वक्त लग जाता है। इसके अलावा PWD में एयरपोर्ट का कोई स्थायी विंग नहीं है। जो अफसर आते हैं, उनके ट्रांसफर हो जाते हैं, और नई टीम को सब कुछ समझने में समय लग जाता है।
धीमी रफ्तार से चल रहा इलेक्ट्रिक काम
समिति ने बताया कि वर्तमान इलेक्ट्रिकल टीम ने टेंडर और वर्क ऑर्डर में बहुत देर की, और अब जब काम शुरू हुआ है तो बारिश ने अड़चन डाल दी है। रनवे के चारों ओर केबल बिछाने जैसे काम अब मुश्किल हो रहे हैं।
क्या मांग कर रही है समिति
- सरकार हर हफ्ते समीक्षा बैठक कर टारगेट तय करे
- एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य की अपनी एक विशेष कंपनी बनाई जाए
- काम की निगरानी व्यक्तिगत रूप से कोई जिम्मेदार अफसर करें
धरना निरंतर जारी
एयरपोर्ट के काम में तेजी लाने की मांग को लेकर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का धरना शनिवार और रविवार को जारी रहा। धरने में अनिल गुलहरे, अशोक भंडारी, विजय वर्मा, संतोष पीपलवा, समीर अहमद बबला, शिरीष कश्यप, आशुतोष शर्मा, अनुराग शर्मा, चित्रकांत श्रीवास, देवेंद्र सिंह ठाकुर, मजहर खान, जसवीर सिंह चावला, महेश दुबे, टाटा प्रकाश बहरानी, मोहसिन अली, शाहबाज अली और सुदीप श्रीवास्तव शामिल हुए।