नेहरू चौक पर भाजपा का प्रदर्शन
बिलासपुर। प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी ने आज भूपेश सरकार और उनके सहयोगियों के कथित दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ नेहरू चौक में प्रदर्शन कर उनसे इस्तीफे की मांग की।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक ने इस मौके पर कहा कि भूपेश बघेल की सरकार बनते ही प्रदेश विकास के बजाय विनाश की ओर अग्रसर हो रहा है। शराबबंदी की घोषणा अपने घोषणा पत्र में किये जाने के बाद भूपेश सरकार को लोगों के जान की चिंता नहीं रही। शराब के नाम पर प्रदेश भर में कमीशन का खेल चलता रहा और अभी तक दो हजार करोड़ का घोटाला ईडी ने उजागर किया। उन्होंने कहा कि जब अच्छे और विकास के काम होते है तो उसका सारा श्रेय टीम के मुखिया यानी मुख्यमंत्री को जाता है तो प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार का श्रेय भी मुख्यमंत्री को क्यों नही जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 500 करोड़ रूपये का कोयला घोटाला, दो हजार करोड़ का शराब इस मौके पर घोटाला उजागर हो चुका है अभी और भी चावल, रेत के मामले में घोटाला उजागर होने वाला है।
उन्होंने कहा कि जल मिशन में पानी नहीं निकलता नोटो की वर्षा होती है। प्रदेश में अभी तक 17 लाख लोगों तक जल पहुंचाया गया है, जबकि 45 लाख परिवारों तक पहुॅचाना शेष है। भूपेश सरकार ने विकास के बजाय पूरे प्रदेश को गर्त में पहुॅचा दिया। श्री कौशिक ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 73 हजार करोड़ धान खरीदी के लिए दिया, किंतु प्रदेश में 16 हजार करोड़ रुपए की धान खरीदी की गई। उन्होंने भूपेश बघेल से तत्काल पद से इस्तीफा देने की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी,
बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत सहित अन्य वक्ताओं ने भी घोटालों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफे की मांग की।
महाधरना प्रदर्शन को महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे, पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार कौशिक, अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सूर्या, अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिलाध्यक्ष लखन पैकरा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन भाजपा जिला महामंत्री मोहित जायसवाल ने किया।
इस प्रदर्शन में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अमरजीत सिंह दुआ, जिला महामंत्री मोहित जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष किशोर राय सहित विभिन्न मोर्चा पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे।