बिलासपुर। विधायक शैलेष पांडेय से बदसलूकी के मामले में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष तैय्यब हुसैन को पदमुक्त कर दिया गया है। पार्टी की जांच समिति की रिपोर्ट के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से संगठन में प्रभाव रखने वाले खेमे को झटका लगा है और विधायक शैलेष पांडेय को अपनी ताकत महसूस कराने का मौका मिला है।
ज्ञात हो कि बीते 4 जनवरी की यह घटना है जब न्यू सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिलासपुर प्रवास के दौरान रुके हुए थे। हुसैन पर आरोप है कि जब विधायक पांडेय ने उन्हें ब्लॉक अध्यक्ष बनने की बधाई दी तो उनके साथ अभद्रता करते हुए कॉलर पकड़ा और अगले चुनाव में निपट लेने की बात कही। इस बात की शिकायत पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश के मंत्रियों व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम से की थी। प्रदेश कांग्रेस ने एक समिति बनाई थी, जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल साहू, कन्हैया अग्रवाल तथा पीयूष कोसरे थे। 8 जनवरी को बिलासपुर पहुंचकर उन्होंने दोनों पक्षों और अन्य कांग्रेस नेताओं से चर्चा की थी और उसके बाद रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दी थी। बाद में हुसैन ने भी रायपुर में राजीव भवन जाकर प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी और अपना पक्ष रखा था। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री (संगठन) चंद्रशेखर शुक्ला की ओर से आज उन्हें हटाने का आदेश जारी किया गया।
शहर में दो दिन पहले से ही चर्चा हो थी कि तैयब हुसैन को पद से हटाया जा सकता है। जांच समिति ने रिपोर्ट में इसकी अनुशंसा की है। इस बीच हुसैन के समर्थन में मुस्लिम समाज की एक बैठक हुई थी जिसमें उन्हें पद से नहीं हटाने की मांग की गई थी। बाद में समाज के कुछ लोगों ने विधायक शैलेष पांडेय से मुलाकात कर हुसैन की ओर से माफी भी मांगी थी पर पांडेय ने कहा था कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें वे माफ कर चुके हैं पर यह मामला अब उनके हाथ से निकल चुका है। निर्णय प्रदेश कांग्रेस के हाथ में है।
प्रदेश कांग्रेस की इस कार्रवाई से संगठन के प्रमुख पदों के संभालने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी है क्योंकि वे तैयब हुसैन के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिये जोर लगा रहे थे। इधर विधायक ने प्रदेश संगठन में अपनी स्थिति मजबूत होने का एहसास कराया है। इसका असर आने वाले दिनों में शहर कांग्रेस की राजनीति में दिखाई दे सकता है।