बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोटा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी एमएल पांडेय को दो करोड़ 83 लाख रुपये के शाला सफाई कर्मियों के वेतन आहरण में की गई गड़बड़ी के मामले में निलम्बित कर दिया है। इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक सुनील यादव पर भी कार्रवाई की जा रही है।

मामला वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर 2017-18 के बीच का है। इस दौरान पटेल की पदस्थापना विकासखंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा के पद पर थी। इस दौरान विकासखंड की शालाओं में कार्यरत अंशकालिक सफाई कर्मचारियों के लिए दो करोड़ 83 लाख 42 हजार 408 रुपये का आहरण किया गया। सफाई कर्मचारियों के लिये जारी चेक की राशि उनके वास्तविक वेतन से अधिक थी, जिसके चलते शासन से अवैध तरीके से 50 लाख रुपये अधिक भुगतान प्राप्त कर लिया गया। प्रारंभिक तौर पर यह आरोप लगा कि सफाई कर्मचारियों ने खुद ही चेक में ओवर राइटिंग कर अधिक एमाउंट दर्ज किया और राशि निकाल ली। इसके चलते बिल्हा क्षेत्र के अनेक सफाई कर्मचारियों को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। तीन साल लम्बी जांच के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पाया है कि अधिक राशि के आहरण में बिल्हा के तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी पटेल का भी हाथ था जो इस समय कोटा में पदस्थ हैं।

जांच के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ए आर खान ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9-1-क के उल्लंघन का दोषी पाते हुए उनके तत्काल निलम्बन का आदेश जारी किया है। जानकारी मिली है कि बिल्हा ब्लाक शिक्षा कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन लिपिक सुनील यादव के खिलाफ भी निलम्बन आदेश विभाग से जारी कर दिया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने माना है कि यह वेतन घोटाला बिना ब्लॉक अधिकारी के मिलीभगत के नहीं हो सकता, इसलिये उसके खिलाफ विभागीय जांच जारी रखते हुए उसे सह-आरोपी बनाने कहा गया है।

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