मुंबई पुलिस ने चार नाबालिगों को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक स्थानीय व्यापारी का बेटा भी शामिल है। इन पर मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में बम की धमकी देने का आरोप है। इस धमकी के चलते फ्लाइट को इमरजेंसी में दिल्ली की तरफ मोड़ा गया, जहां विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई।
मुंबई पुलिस की एक पांच सदस्यीय टीम ने सोमवार देर रात राजनांदगांव पहुंचकर आरोपियों को हिरासत में लिया। जांच में व्यापारी के बेटे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसका इससे पहले भी इसी तरह की धमकियों का इतिहास है। वह पहले भी एक ट्रेन को उड़ाने की धमकी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। इस बार उस पर किसी अन्य व्यक्ति के ईमेल अकाउंट को हैक कर बम की धमकी भेजने का आरोप है।
जांच में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त
पुलिस ने आरोपियों के लैपटॉप, मोबाइल फोन, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इसके अलावा आरोपियों के वाहन को भी जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। चारों नाबालिगों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है, जिसमें स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। पुलिस की साइबर टीम ने ईमेल और कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर इस मामले के संबंधों की जांच की है।
व्यापारी का बेटा मुख्य संदिग्ध
मुख्य संदिग्ध का पिता, मंगुलाल अग्रवाल, राजनांदगांव में मोबाइल और कंप्यूटर का व्यवसाय चलाता है। परिवार मूल रूप से डोंगरगढ़ के मूसरा गांव का निवासी है, लेकिन चार साल पहले राजनांदगांव के सनसिटी में शिफ्ट हो गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, व्यापारी के बेटे पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं, जिनमें राजनांदगांव कोतवाली और डोंगरगढ़ थाने में दर्ज केस भी शामिल हैं। उसने एक बार ट्रेन को भी उड़ाने की धमकी दी थी। विमान को उड़ाने की धमकी देने के लिए उसने एक दूसरे व्यक्ति का ई मेल आईडी हैक किया था। उक्त व्यापारी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
सुरक्षित लैंडिंग और जांच
14 अक्टूबर को एयर इंडिया की फ्लाइट, जिसमें 239 यात्री सवार थे, को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतारा गया। सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया और विमान की गहन तलाशी ली गई, लेकिन कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली।
मुंबई पुलिस आयुक्त ने 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी मनीष कलवाणिया के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है, जो मामले की गहराई से जांच कर रही है। उनके नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम ने राजनांदगांव पहुंचकर कार्रवाई की। पुलिस अभी भी सतर्क है और इस धमकी के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है।