जांजगीर-चांपा। जम्मू कश्मीर के एक ईट भट्ठा में बंधक बनाए गए 5 श्रमिक परिवारों के 17 लोगों को जिला प्रशासन ने मुक्त कराया है।

इन मजदूरों ने खुद को बंधुआ बनाए जाने की शिकायत 11 जनवरी को कलेक्टर के वाट्सएप पर अपना वीडियो अपलोड करके भेजा था। इसी दौरान नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर के समन्वयक निर्मल गौराना ने जम्मू जिले के दंडाधिकारी को को शिकायत की थी। साथ ही जांजगीर-चांपा के कलेक्टर, छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी और जांजगीर के सहायक श्रम आयुक्त को भी ई-मेल किया था।

वीडियो मिलते ही कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने श्रम पदाधिकारी डॉ केके सिंह को इन मजदूरों को छुड़ाकर लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। श्रम अधिकारी ने जम्मू के सहायक श्रम आयुक्त से संपर्क कर ग्राम खोखरा, सिवनी, अड़ भार और उदय भाटा के 17 मजदूर जिनमें महावीर, लक्ष्मी, राजेश, समीर, चंदू, सागर, घनश्याम, सावित्री, धनी, व्यास, नरेश, कविता, विशाल, कीर्तन, रूपा, विष्णु और रवि शामिल हैं, उन्हें ईट भट्टा के मालिक से छुड़ा लिया है। छुड़ाए गए मजदूरों ने बताया है कि उनको 25 अगस्त 2021 से यहां लाकर काम कराया जा रहा है। 17 नवंबर 2021 से यहां ईट भट्टे में उत्पादन बंद है। पर उन्हें न तो गांव वापस लौटने दिया जा रहा है, न ही उनकी मजदूरी का भुगतान किया गया है। उनके साथ उनके बच्चे भी हैं और कोविड-19 का संक्रमण फैलने की वजह से सब चिंतित हैं। कुछ लोगों को बुखार भी है। इनमें से किसी का भी वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। इन मजदूरों को छुड़ाकर उनके स्वास्थ्य की जांच कराई गई है और भोजन तथा घर वापसी के लिए टिकट की व्यवस्था की गई है।

 

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