बिलासपुर– मरवाही उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है, कि ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की जा रही है। ऋचा जोगी के चुनाव लड़ने की खबरों के बीच जाति प्रमाण पत्र को लेकर संत कुमार नेताम ने कलेक्टर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नेताम ने ऋचा जोगी के जाति को लेकर आपत्ति जताई है। इस संबंध में मुंगेली कलेक्टर ने नोटिस भी जारी किया है। मुंगेली कलेक्टर ने 8 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के आदेश दिए हैं।
बता दें कि अमित जोगी ने अपने चुनाव लड़ने को लेकर कोई अड़ंगा होने पर प्लान बी के तहत पत्नी ऋचा जोगी को लड़ाने तैयारी की, और जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया था, लेकिन अब ऋचा जोगी के भी जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
अमित जोगी का प्लान बी
जकांछ द्वारा पार्टी के स्वाभाविक प्रत्याशी अमित जोगी की जाति मामले में किसी तरह का अड़ंगा डाले जाने की स्थिति में उनकी पत्नी ऋचा जोगी को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। ऋचा जोगी को मरवाही के चुनाव मैदान में उतारे जाने की चर्चा को ढाई माह पूर्व उनके अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र बनवाए जाने से बल मिल रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह प्रमाणपत्र 17 जुलाई 2020 को जरहागांव जिला मुंगेली के तहसीलदार द्वारा जारी किया गया है। ऋचा जोगी का अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जुलाई में आननफानन में बनवाया गया। उनकी जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन 15 जुलाई की शाम 6 बजे जरहागांव तहसीलदार चित्रकांत ठाकुर के दफ्तर में दिया गया। 17 जुलाई को जरहागांव तहसीलदार श्री ठाकुर द्वारा ऋचा रुपाली साधु पिता प्रवीण राज साधु, निवासी पेंड्रीडीह तहसील जरहागांव जिला मुंगेली के नाम से अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र जारी कर दिया।
पिछले चुनाव में अकलतरा से थी प्रत्याशी
पिछले विधानसभा चुनाव में ऋचा जोगी ने अकलतरा से चुनाव लड़ चुकी हैं, उस समय उन्होंने जाति प्रमाणपत्र नहीं बनवाया था, परन्तु एकाएक उनके द्वारा जाति प्रमाणपत्र बनवाए जाने को मरवाही उप चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा है। कयास लगाया जा रहा है, कि यदि चुनाव में अमित जोगी की जाति मामले पर किसी तरह का विवाद हुआ या किसी तरह का अडंगा लगाया गया, तो सुरक्षित प्रत्याशी के तौर पर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है, इससे मरवाही में परिवार का प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में होगा, साथ ही महिला होने के कारण पार्टी प्रत्याशी को क्षेत्र की लगभग 96 हजार महिला मतदाताओं की सहानुभूति भी मिल सकेगी।
राज्य बनने के बाद मरवाही में जोगी परिवार का दबदबा
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक मरवाही विधानसभा में जोगी परिवार का ही दबदबा रहा है. राज्य बनने के बाद वर्ष 2001 में उस समय भाजपा के विधायक रहे रामदयाल उईके के इस्तीफा देने और कांग्रेस में शामिल होने के बाद उप चुनाव हुए, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे और विधायक बने. उसके बाद 2003 में भी स्व. अजीत जोगी ने चुनाव में जीत हासिल की. कुछ माह बाद 2004 में महासमुंद से लोकसभा चुनाव जीतकर वे सांसद बन गए, उसके बाद 2008 तक यह सीट खाली रही. वर्ष 2008 के चुनाव में पुन: स्व. अजीत जोगी चुनाव जीतकर विधायक बने, वर्ष 2013 में उनके पुत्र अमित जोगी को चुनाव मैदान में उतारा गया, चुनाव जीतकर वे वर्ष 2018 तक मरवाही से विधायक रहे. तत्पश्चात वर्ष 2018 के चुनाव में बतौर जकांछ प्रमुख स्व. अजीत जोगी ने चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने। अब उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त है और यहां उपचुनाव है।