रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी यात्री बस संचालकों ने यात्री किराया में 40 प्रतिशत बढ़ोतरी समेत दो मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अनवर अली ने बताया कि इससे राज्य के 12 हजार बसों के पहिये थम गये हैं और मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

मंगलवार को बूढ़ा तालाब के सामने दिये गये धरना के दौरान पत्रकारों से उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस संचालक डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बस संचालन में भारी दिक्कतें हैं। डीजल के मूल्य में लगभग 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है, जिसके कारण आय से ज्यादा खर्च हो रही है। बस संचालक पिछले साल मार्च में कोरोना के प्रकोप के बाद से अलग-अलग समय पर लगाए गए लॉकडाउन का खामियाजा भुगत रहे थे और अब डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।

महासंघ की मांग उस नियम को रद्द करने की है जिसमें कहा गया है कि केवल दो महीने तक उपयोग में नहीं आने वाले वाहनों के कर के भुगतान में छूट दी जाएगी। 2009 में राज्य में भाजपा सरकार के दौरान बनाए गए नियम के अनुसार वाहन संचालकों को उन वाहनों का भी कर देना होता है जो दो महीने से अधिक समय तक उपयोग में नहीं हैं। जब तक मांग पूरी नहीं होगी बसों की हड़ताल जारी रहेगी।

महासंघ ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने के अलावा 14 जुलाई से जल समाधि की तैयारी भी है।

ज्ञात हो कि यात्री बस व्यवसाय में प्रदेश के 5 लाख लोगों का रोजगार जुडा है।

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