रेलवे जोन संघर्ष समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी

बिलासपुर। छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने रेलवे प्रशासन द्वारा सारनाथ एक्सप्रेस को 76 दिनों तक रद्द करने के फैसले को छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय करार दिया है। समिति ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 150 से अधिक स्पेशल ट्रेनों की तैयारी के बीच छत्तीसगढ़ की एक महत्वपूर्ण ट्रेन को बंद करना राज्यवासियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया दर्शाता है।

रद्दीकरण से लाखों यात्रियों पर असर
सारनाथ एक्सप्रेस में एक बार में लगभग 1500 यात्री यात्रा करते हैं। इसे 76 दिन के लिए रद्द करने का मतलब है कि करीब 3 लाख यात्री इस सुविधाजनक परिवहन माध्यम से वंचित हो जाएंगे। समिति ने इस फैसले पर तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने केंद्र में 10 सांसद और राज्य में भाजपा सरकार को चुना है। फिर भी राज्य को इस तरह के भेदभाव का सामना क्यों करना पड़ रहा है?

कोहरे का तर्क हास्यास्पद
रेलवे प्रशासन ने इस निर्णय का कारण कोहरा बताया है। समिति ने इसे अनुचित और हास्यास्पद ठहराया। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग तक कोहरे की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता, तो रेलवे प्रशासन ने यह निर्णय किस आधार पर लिया है? अगर कोहरा वास्तव में इतना बड़ा कारण है, तो उत्तर भारत की अन्य ट्रेनों को भी रद्द क्यों नहीं किया गया?

महाकुंभ में छत्तीसगढ़ियों का अपमान?
समिति ने सरकार पर हिंदू धर्म के नाम पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या छत्तीसगढ़ के हिंदू धर्मावलंबियों को महाकुंभ में शामिल होने का अधिकार नहीं है? क्या रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस आधार पर छत्तीसगढ़ के यात्रियों को अवसरों से वंचित कर रहे हैं?

आंदोलन की चेतावनी
छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने रेलवे प्रशासन से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी गई है। समिति ने इसे छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और यात्री हितों का मुद्दा बताया है।

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