बिलासपुर. केन्द्रीय जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बिलासपुर में बड़े और सर्वसुविधायुक्त नए जेल बनाने की मांग बहुत पहले से उठ रही है। जेल विभाग ने तीन साल पहले ही नया केन्द्रीय जेल बनवाने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ने 1500 कैदियों की क्षमता वाला अत्याधुनिक जेल का निर्माण करने का स्टीमेट शासन को भेज दिया है, लेकिन साल भर से यह मामला ठंडे बस्तें में है। सूत्रों के अनुसार पीडब्ल्यूडी और जेल विभाग के कंसल्टेंट आर्किटेक्चर ने डाइंग डिजाइन बनाकर भी दे दिया हैं, लेकिन वित्त विभाग से स्टीमेट स्वीकृत नहीं होने चलते निर्माण कार्य अधर में है।

नई केन्द्रीय जेल निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी और जेल विभाग को बैगा नगोई में 54 एकड़ जमीन दिलाई है। जिसमें सालों से अतिक्रमण रहा हैं, पिछले साल ही निजी लोगों से जमीन प्रशासन ने कब्जे में ली है। करीब 99 करोड़ की लागत से दो मंजिला जेल का निर्माण किया जाना है। वर्तमान मंे बिलासपुर केन्द्रीय जेल में 1 हजार कैदियों के लिए बैरक है जो ब्रिटिशकालीन मापदंड पर आधारित है, जिसमें 4500 से अधिक कैदी रह रहे है। नई जेल में 15 सौ कैदियों की क्षमता होगी। राज्य में बढ़ते अपराध के ग्राफ के मद्देनजर यह संख्या भी काफी कम है। कुछ माह पहले ही राजस्व विभाग ने सालों से अतिक्रमण कर रहे लोगों को हटाने के लिए मुहिम चलाई थी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग ने सर्वे कर ऐसे लोगों को नोटिस भी थमाया था, जिसके बाद जमीन से कब्जा हटाया गया है। डब्ल्यूडी के ईई केआर गंगेश्री ने बताया कि बैमा में बनने वाली जेल के लिए वित्त विभाग से स्वीकृति नहीं मिल पाई है। निर्माण कार्य के लिए कुछ जगहों से अतिक्रमण भी हटाने होंगे। अभी निर्माण शुरू करने में काफी समय है।

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