विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वस्त किया भुगतान की जिम्मेदारी उसकी
बिलासपुर। सुरक्षा एवं सफाई कर्मचारियों को विगत पांच महीनों से वेतन का भुगतान नहीं करने के बाद मैसर्स आइडिया इंक मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड रायपुर के साथ अनुबंध गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन ने समाप्त कर दिया है।
ज्ञात हो वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों ने 17 एवं 18 जून को यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था। उन्होंने लगभग सभी फेकल्टी के कर्मचारियों-अधिकारियों को भी बाहर निकाल दिया था। कर्मचारियों का कहना था कि सेंट्रल विश्वविद्यालय के अधिकारी ठेका कंपनी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। सुरक्षाकर्मियों के लिए 22 हजार तथा सफाई कर्मचारियों के लिए 14 हजार वेतन निर्धारित है लेकिन आईडिया पिंक मैनेजमेंट द्वारा सुरक्षाकर्मियों को सिर्फ 10 हजार और सफाई कर्मचारियों को 6500 रुपये भुगतान किया जा रहा है। वहीं हर महीने कंपनी ने प्रोविडेंट फंड का पैसा काटा है पर उनके खाते में जमा नहीं किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई लेकिन अधिकारी फरार हैं।
इधर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आज बताया गया कि बीते दो दिनों तक प्रशासनिक भवन के मार्ग में बाधा पहुंचाई गई और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्य के संचालन में बाधा उत्पन्न की गई। इसके चलते सुरक्षा एवं सफाई का कार्य भी प्रभावित हुआ। इससे विश्वविद्यालय की छवि को धक्का पहुंचा। विश्वविद्यालय द्वारा सुरक्षा व सफाई के लिए अनुबंध के आधार पर फर्म को पूरा भुगतान किया जाता है। कर्मचारियों के भुगतान में विश्वविद्यालय का हस्तक्षेप नहीं होता है। विगत 5 महीने से सफाई एवं सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा भुगतान संबंधी अनियमितता के विषय में सूचना दी गई थी। इस संबंध में फर्म को विश्वविद्यालय ने चेतावनी भी दी थी। फर्म ने भुगतान का लिखित रूप से आश्वासन दिया था। बाद में उसने कोरोना वायरस के चलते अधिक समय मांगा था। इसके बाद भी भुगतान व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिखा। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा एवं सफाई कर्मचारियों केवी हितों को ध्यान में रखते हुए फर्म से अनुबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है और विश्वविद्यालय की ओर से सुरक्षा एवं सफाई कर्मचारियों को भुगतान किया जाएगा।