बिलासपुर। बिना नाली निर्माण के 13 लाख रुपये से अधिक का भुगतान ठेकेदार को करने के आरोप में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष संतूलाल सोनकर को 30 नवंबर 2021 को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था। राज्य सरकार के इस आदेश को संतूलाल सोनकर ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके बाद सोमवार को हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है।
संतूलाल सोनकर ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें बिना उचित प्रक्रिया अपनाए पद से हटाया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 401 (ए) के तहत संतूलाल सोनकर को अध्यक्ष पद से हटाने के राज्य सरकार के आदेश को ‘असंवैधानिक और संधारणीय नहीं’ माना। न्यायालय ने राज्य सरकार के 30 नवंबर 2021 के आदेश को रद्द कर दिया और याचिका को स्वीकार कर लिया।
इस फैसले के बाद संतूलाल सोनकर के पुनः नगर पालिका अध्यक्ष बनने की चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, वर्तमान अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी ने स्पष्ट किया है कि वह नियम अनुसार निर्वाचित अध्यक्ष हैं और फिलहाल उसी पद पर कार्यरत रहेंगे।
नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर इस फैसले के बाद एक बार फिर से विवाद और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। आने वाले दिनों में स्थिति अधिक स्पष्ट हो सकेगी कि नगर पालिका परिषद का नेतृत्व कौन करेगा।