बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के उस आदेश पर स्थगन दे दिया है जिसमें उसने पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल को दी गई अनियमितता व आपराधिक प्रकरणों के आरोपों से संबंधित नोटिस पर जवाब देने पर रोक लगा दी थी।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता अवध त्रिपाठी ने राज्य विधिज्ञ परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल के लंबित अनियमितता व आपराधिक प्रकरणों के मद्देनजर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए परिषद् के ही समक्ष दस्तावेजों के साथ एक शिकायत प्रस्तुत की थी। परिषद् ने इस पर संज्ञान लेते हुए चंदेल को कारण बताओ नोटिस जारी की थी। चंदेल ने उक्त नोटिस का जवाब नहीं दिया। उन्होंने भारतीय विधिक परिषद् (बार कौंसिल ऑफ इंडिया, बीसीआई) नई दिल्ली के समक्ष आवेदन दिया। उन्होंने अधिवक्ता अधिनियम की धारा 481 के तहत रिविजन प्रस्तुत किया और कारण बताओ सूचना को रद्द करने की मांग की। उनके निवेदन पर बीसीआई ने 28 अक्टूबर 2021 को कारण बताओ नोटिस को स्थगित कर दिया। बीसीआई ने अगली सुनवाई 4 दिसंबर 2021 को तय की। अधिवक्ता अवध त्रिपाठी ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पारित इस आदेश को चुनौती दी। उन्होंने अधिवक्ता राजेश केशरवानी के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की। इस पर आज सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बीसीआई द्वारा पारित आदेश पर रोक लगा दी है, साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य विधि के परिषद् और प्रभाकर सिंह चंदेल को नोटिस जारी करते हुए जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद् (स्टेट बार कौंसिल) पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर चंदेल के विरुद्ध कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।