रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी (CGPSC) घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घोटाले में करीब आधा दर्जन आरोपियों को सीबीआई पहले ही जेल भेज चुकी है।
पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक गिरफ्तार
सीबीआई ने जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें आरती वासनिक (पूर्व परीक्षा नियंत्रक), निशा कोसले, दीपा आदिल, सुमित ध्रुव और जीवन किशोर ध्रुव शामिल हैं। सुमित ध्रुव, पीएससी के पूर्व सचिव का बेटा है जिसे डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया गया था।
निर्दोष अभ्यर्थियों को कोर्ट से राहत
हाल ही में बिलासपुर हाईकोर्ट ने निर्दोष अभ्यर्थियों को राहत देते हुए आदेश दिया था कि जिनके नाम चार्जशीट में नहीं हैं और जिन पर कोई आपत्ति नहीं मिली है, उन्हें दो माह के भीतर नियुक्ति पत्र दिया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि वैधता अवधि के भीतर सभी नियुक्तियां पूरी कर ली जाएं।
भर्ती प्रक्रिया और विवाद की जड़
सीजीपीएससी ने 26 नवंबर 2021 को 171 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, नायब तहसीलदार, जेल अधीक्षक और लेखाधिकारी जैसे अहम पद शामिल थे। 11 मई 2023 को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ, लेकिन गड़बड़ी के आरोपों के कारण चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई।
वीआईपी रिश्तेदारों के चयन पर उठे सवाल
साल 2020 से 2022 के बीच हुई परीक्षाओं में तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों और कुछ VIP लोगों के करीबियों के चयन पर सवाल खड़े हुए। इसके आधार पर सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। सोनवानी और उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच जारी, नियुक्तियां अटकीं
2019 से 2022 तक की भर्ती को लेकर विवाद बरकरार है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों में केस दर्ज किया है। कोर्ट में दायर याचिकाओं के मुताबिक, 60 से ज्यादा अभ्यर्थी अभी भी नियुक्ति से वंचित हैं।