बिलासपुर। दुर्ग नगर निगम के सहायक ग्रेड-III कर्मचारी भूपेंद्र गोइर ने अपने निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से दाखिल की गई इस याचिका में आरोप लगाया गया कि आयुक्त सुमित अग्रवाल ने उन्हें दुर्भावनापूर्ण तरीके से निलंबित किया है।

याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत 7 अगस्त 2025 को जारी निलंबन आदेश को चुनौती दी थी। यह आदेश छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1) के तहत पारित किया गया था। याचिका में नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल को व्यक्तिगत पक्षकार बनाया गया है, साथ ही सचिव और संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को भी पक्षकार बनाया गया है।

मामले की सुनवाई जस्टिस एन.के. व्यास की सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रायपुर को निर्देश दिया कि आदेश की प्रति मिलने की तिथि से चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर निर्णय लें। साथ ही यह भी कहा कि किसी भी पक्ष से प्रभावित हुए बिना, रिकॉर्ड पर उपलब्ध दस्तावेजों और सामग्री के आधार पर गुण-दोष का परीक्षण कर निर्णय लिया जाए।

इस निर्देश के साथ ही सिंगल बेंच ने याचिका को निराकृत कर दिया।

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