बिलासपुर। बिलासपुर के सरकंडा इलाके में रविवार को एक शिक्षिका के घर आयोजित प्रार्थना सभा को लेकर विवाद खड़ा हो गया। गीतांजलि सिटी फेस-2 में रहने वाली स्वामी आत्मानंद स्कूल की शिक्षिका अरुंधति साहू के घर में 20 से 25 लोगों की मौजूदगी में यह सभा चल रही थी। इसी बीच स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों को सूचना मिली कि सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश की जा रही है।
सूचना मिलते ही हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और विरोध जताया। वहां मौजूद लोगों के साथ उनका बहस और कहासुनी भी हुई। मामला बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया। सरकंडा पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाइश देकर थाने लाई।
पड़ोसी ने लगाए गंभीर आरोप
गीतांजलि सिटी की ही रहने वाली कुछ महिलाओं ने शिक्षिका अरुंधति साहू और उनके बेटे साकेत साहू पर शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि शिक्षिका गरीब हिंदू परिवारों को बीमारी ठीक होने का भरोसा देकर अपने घर बुलाती हैं और फिर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मानसिक दबाव डालती हैं।
एक महिला ने दावा किया कि 2022 में एक्सीडेंट के बाद शिक्षिका ने उन्हें ईसा मसीह को मानने की सलाह दी थी। आरोप है कि रविवार को उन्होंने लगभग 20-22 लोगों को बुलाकर धर्मांतरण कराया, और इसमें स्कूल के बच्चों को भी शामिल किया गया।
बच्चों को भी लाने का आरोप
शिकायत में यह भी कहा गया है कि शिक्षिका गर्मी की छुट्टियों में लगभग 15 बच्चों को अपने घर में रखती थीं और उन्हें किसी से बात करने की इजाज़त नहीं थी। पड़ोसियों का कहना है कि अक्सर उनके घर से अजीब तरह की आवाजें भी सुनाई देती थीं।
मां-बेटे के खिलाफ केस दर्ज
सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय ने बताया कि मामले में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 299 के तहत अरुंधति साहू और उनके बेटे साकेत के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।













