गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर फिर विवाद गहरा गया। बुधवार को अजीत जोगी के बेटे और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी को पुलिस ने 1000 से ज्यादा समर्थकों के साथ पेंड्रा में गिरफ्तार किया। बाद में सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया गया।

हुआ यूं कि अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ ज्योतिपुर चौक पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने पिता की प्रतिमा दोबारा स्थापित करने की कोशिश की। लेकिन प्रशासन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस स्थल पर प्रतिमा स्थापना की अनुमति नहीं ली गई है। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो माहौल गरमा गया और अमित जोगी समेत सभी को हिरासत में ले लिया गया।

“प्रतिमा मेरी, जमीन मेरी, रोकने का अधिकार किसे?”
गिरफ्तारी के बाद अमित जोगी ने कहा, “ना मैं कोई अपराध कर रहा हूं, ना ही नियम तोड़ रहा हूं। ये जमीन मेरी है, मूर्ति मेरे पिता की है और हम अपने खर्चे पर इसे लगा रहे हैं। प्रशासन ने जबरदस्ती मूर्ति को हटाया, हम सिर्फ उसे वापस उसी जगह स्थापित करना चाहते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो मैं कोर्ट भी जाऊंगा।”

आरएसएस पर साधा निशाना
अमित जोगी ने आरोप लगाया कि पूरे घटनाक्रम के पीछे आरएसएस के स्थानीय प्रमुख का बेटा है। उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा, “ RSS अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नहीं है। मोहन भागवत कहते हैं बड़ों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन उनके लोग प्रतिमा हटाकर अपमान कर रहे हैं।”

मूर्ति हटाने से पहले भी हुआ था विवाद
गौरतलब है कि 29 मई को अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर प्रतिमा का अनावरण होना था, लेकिन इससे पहले ही रात 2 बजे के आसपास प्रतिमा को क्रेन से हटा दिया गया। सीसीटीवी में यह सब रिकॉर्ड हुआ था। उसके बाद मूर्ति क्षतिग्रस्त हालत में नगरपालिका परिसर में मिली थी। तब भी अमित जोगी और कार्यकर्ताओं ने धरना दिया था और एफआईआर करवाई गई थी।

अब एक बार फिर मूर्ति स्थापित करने की कोशिश के दौरान विवाद हुआ और मामला गरमा गया है। जोगी समर्थकों का कहना है कि वे इस लड़ाई को न्यायालय तक ले जाएंगे और अजीत जोगी की प्रतिमा को सम्मान दिलाकर ही रहेंगे।

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