छत्तीसगढ़ विधानसभा के आखिरी दिन प्रश्नकाल में स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह का सख्त अंदाज देखने को मिला। मनेंद्रगढ़ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके दिवंगत विजय सिंह के निधन की जानकारी विधानसभा सचिवालय को नहीं देने पर सरकार पर नाराजगी जाहिर की।
रमन सिंह ने कहा, “यह प्रदेश की स्थिति है! यह आपत्तिजनक है और अनुचित है। शासन को निर्देश दिया जाता है कि कृपया इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें और आवश्यक निर्देश जारी करें।” उन्होंने कहा, “सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सांसद और विधायकों के निधन की सूचना तत्काल कलेक्टर विधानसभा के सचिवालय को देंगे, लेकिन यह देखा जा रहा है कि अत्यंत विलंब से यह जानकारी विधानसभा सचिवालय को भेजी जा रही है। यह आपत्तिजनक है।”
17 जुलाई को विजय सिंह के निधन के बाद देर से सूचना आने पर सदन में सवाल उठे। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सत्र की अधिसूचना के बाद भी जिला प्रशासन से सूचना नहीं आई, जिसके कारण समय पर सदन की ओर से श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकी। इसे गंभीर प्रशासनिक चूक बताया गया और इस पर निर्देश देने की मांग की गई।
22 जुलाई को मानसून सत्र शुरू हुआ, लेकिन विजय सिंह के निधन पर कोई चर्चा नहीं हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, मंत्री रामविचार नेताम और विधायक अजय चंद्राकर ने जानकारी न मिलने पर आपत्ति जताई।