रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कर्रेगुट्टा पहाड़ियों और तेलंगाना सीमा से सटे घने जंगलों में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ ने नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिसमें 16 महिलाएं शामिल थीं।
21 अप्रैल से शुरू हुआ यह 21 दिन का अभियान देश का अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी ऑपरेशन माना जा रहा है। सुरक्षा बलों ने न केवल नक्सलियों के गढ़ को ध्वस्त किया, बल्कि उनके हथियार, बंकर और गुप्त ठिकानों को भी नष्ट कर दिया। यह ऑपरेशन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘मिशन 2026’ का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करना है।
अभियान का पैमाना और रणनीति
‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ), कोबरा कमांडो, तेलंगाना ग्रेहाउंड्स, और महाराष्ट्र पुलिस के 28,000 से अधिक जवानों ने हिस्सा लिया। अभियान की शुरुआत खुफिया जानकारी के आधार पर हुई, जिसमें कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा और दामोदर के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर छिपे होने की सूचना थी। इस क्षेत्र को माओवादियों की बटालियन नंबर 1 का प्रमुख गढ़ माना जाता था।
सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन में 35 से अधिक मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 250 से अधिक नक्सली बंकर, गुफाएं और ठिकाने नष्ट किए गए। सुरक्षा बलों ने एक गुप्त माओवादी अस्पताल को भी ध्वस्त किया, जहां नक्सली अपने घायल साथियों का इलाज करते थे।
जब्त सामग्री और नक्सलियों की पहचान
सुरक्षा बलों ने 40 से अधिक हथियार, 400 से ज्यादा आईईडी, भारी मात्रा में विस्फोटक, दवाइयां, और दैनिक उपयोग की वस्तुएं जब्त कीं। मारे गए 31 नक्सलियों में से 20 की पहचान हो चुकी है, जिनमें कई वरिष्ठ कैडर शामिल थे। इनमें से कई पर कुल 1.72 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। कुछ घायल नक्सलियों को उनके साथियों ने जंगल में खींच लिया, जिसके कारण उनकी स्थिति अभी अस्पष्ट है।
सुरक्षा बलों का बलिदान और जीत का प्रतीक
ऑपरेशन के दौरान तेलंगाना ग्रेहाउंड्स के तीन जवानों की आईईडी विस्फोट में मौत हो गई, जबकि सीआरपीएफ, डीआरजी, और एसटीएफ के 6-7 जवानों को मामूली चोटें आईं। इसके बावजूद, सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर तिरंगा फहराकर इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त घोषित किया। यह जीत न केवल नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ा झटका है, बल्कि बस्तर के लोगों के लिए शांति और विकास की नई उम्मीद भी लेकर आई है।
इस साल की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार, इस साल अब तक 168 नक्सलियों को विभिन्न मुठभेड़ों में मार गिराया गया है, जिनमें से 151 बस्तर संभाग में थे। इसके अलावा, 213 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 203 ने आत्मसमर्पण किया है। ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ ने नक्सल नेटवर्क को गहरा आघात पहुंचाया है, जिससे माओवादियों की रीढ़ टूटने की बात कही जा रही है।
कर्रेगुट्टा पहाड़ी में अभियान का स्वागत
कर्रेगुट्टा पहाड़ी, जो कभी लाल आतंक का प्रतीक थी, अब शांति और सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। स्थानीय आदिवासी समुदायों ने इस ऑपरेशन का स्वागत किया है, क्योंकि नक्सलियों का दबदबा खत्म होने से क्षेत्र में सड़क, स्कूल, और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस ऑपरेशन को ‘मिशन 2026’ की दिशा में एक मील का पत्थर बताया है।