बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की स्थापना की रजत जयंती वर्ष 2025 के अवसर पर बिलासपुर उच्च न्यायालय परिसर, बोदरी में 1000 सीटर क्षमता वाला आधुनिक ऑडिटोरियम ‘द प्लेटिनम हॉल’ का भूमिपूजन मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा ने किया।
विधिक गतिविधियों का आधुनिक मंच बनेगा- सिन्हा
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि उच्च न्यायालय की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी, उस समय 300 सीट वाला ऑडिटोरियम था। अब राज्य सरकार के सहयोग से 1000 क्षमता वाला ‘प्लैटिनम हॉल’ तैयार किया जा रहा है। यह सभागार न्यायिक कार्यों के साथ-साथ शैक्षणिक, अकादमिक और अन्य विधिक गतिविधियों के लिए आधुनिक मंच प्रदान करेगा और आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
भूमिपूजन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस संजय के. अग्रवाल, पार्थ प्रतीम साहू, रजनी दूबे, नरेंद्र कुमार व्यास, नरेश कुमार चंद्रवंशी, सचिन सिंह राजपूत, राकेश मोहन पांडेय, संजय कुमार जायसवाल, अरविंद कुमार वर्मा, विभू दत्त गुरु और अमितेंद्र किशोर प्रसाद उपस्थित रहे।
ऑडिटोरियम का निर्माण 7900 वर्गमीटर में
‘द प्लेटिनम हॉल’ का निर्माण 7,905 वर्गमीटर क्षेत्र में किया जा रहा है। इसका कुल बजट ₹22.66 करोड़ रखा गया है, जिसे छत्तीसगढ़ शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया है।
मुख्य सुविधाएँ:
बेसमेंट: 100 कारों की पार्किंग, किचन, पुरुष और महिला प्रसाधन, इलेक्ट्रिकल रूम।
भूतल: वीआईपी पोर्च, लॉबी, वीआईपी लाउंज, वीआईपी डाइनिंग और किचन, लिफ्ट, ऑडिटोरियम मंच, ग्रीन रूम, पुरुष और महिला प्रसाधन।
प्रथमतल: 1000 क्षमता वाला ऑडिटोरियम हॉल, पुरुष और महिला प्रसाधन।
द्वितीयतल: लॉबी और HVAC कक्ष।
भवन के सामने गार्डन और बाहरी क्षेत्र में लगभग 300 वाहनों की अतिरिक्त पार्किंग उपलब्ध होगी। सम्पूर्ण भवन में वातानुकूलन और फायर फाइटिंग की व्यवस्था भी की गई है।