बिलासपुर। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल की संभावित अग्रिम जमानत याचिका से पहले हाईकोर्ट में कैविएट दायर की गई है। बिलासपुर निवासी अजय सिदारा द्वारा दायर इस कैविएट में अदालत से आग्रह किया गया है कि यदि अमित बघेल जमानत के लिए आवेदन करते हैं, तो कोई अंतरिम राहत देने से पहले कैविएटर का पक्ष भी सुना जाए।


अदालत से राहत मिलने से पहले सुनवाई की मांग

कैविएट में कहा गया है कि बघेल से जुड़े मामले संवेदनशील हैं और समाज में असंतोष फैला हुआ है, ऐसे में बिना विरोधी पक्ष को सुने उन्हें अंतरिम राहत देना जनभावना के विपरीत होगा।
सिदारा ने अनुरोध किया है कि कोर्ट किसी भी सुनवाई से पहले याचिका की प्रति उन्हें उपलब्ध कराए, ताकि वे अपना पक्ष रख सकें।


पुलिस ने घोषित किया इनाम, छापेमारी जारी

रायपुर पुलिस ने फरार चल रहे अमित बघेल पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
पुलिस का कहना है कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा है और अपने परिचितों के घरों में छिपा हुआ है।
प्रदेश के कई जिलों रायपुर, दुर्ग, धमतरी और बिलासपुर में पुलिस टीमें उसकी तलाश में लगी हुई हैं।


कई राज्यों में दर्ज हैं मामले

अमित बघेल के खिलाफ न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी एफआईआर दर्ज हैं। इनमें इंदौर, ग्वालियर, नोएडा, महाराष्ट्र और प्रयागराज के थाने शामिल हैं। रायपुर और अन्य जिलों में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बयान के बाद अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
कई जिलों में धरना, नारेबाजी और एफआईआर की मांग के बाद प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर हैं।


VIP चौक पर मूर्ति तोड़फोड़ और बयानबाजी

मामला 26 अक्टूबर को रायपुर के वीआईपी चौक के दौरान प्रदर्शन का है, जहां छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी।
अगले दिन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने प्रदर्शन करते हुए अग्रसेन महाराज, दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी।
अमित बघेल के बयान —

“कौन है अग्रसेन महाराज? चोर है या झूठा? पाकिस्तानी सिंधी क्या जानते हैं हमारी महतारी के बारे में?”  ने पूरे प्रदेश में विवाद की आग भड़का दी थी।

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