रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली बिल को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 1 दिसंबर से 200 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना लागू करने की घोषणा की, लेकिन कांग्रेस ने इसे अधूरी राहत बताते हुए विरोध तेज करने की चेतावनी दी है।
36 लाख उपभोक्ताओं को सीधी राहत, 6 लाख को एक साल की अस्थायी छूट
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि
- 200 यूनिट तक बिजली खपत वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को पूरा हाफ बिल लाभ मिलेगा,
- इससे 36 लाख परिवार सीधे लाभान्वित होंगे।
इसके अलावा, 200 से 400 यूनिट खपत वाले 6 लाख उपभोक्ताओं को भी एक साल तक 200 यूनिट तक हाफ बिल का फायदा मिलेगा, ताकि वे इस अवधि में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत रूफटॉप सोलर लगवा सकें।
सरकार का दावा है कि यह कदम जनता के बिजली बिलों को काफी कम करेगा और लंबे समय में राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत आधार देगा।
सोलर अपनाने पर अतिरिक्त सब्सिडी, अब तक 1 लाख आवेदन
मुख्यमंत्री ने बताया कि सोलर प्लांट लगाने वालों को राज्य सरकार दो स्तर पर अतिरिक्त सब्सिडी देगी—
- 1 किलोवॉट प्लांट पर 15,000 रुपये,
- 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता पर 30,000 रुपये की सहायता।
अब तक 1 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं और 12 हजार से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं। सरकार का कहना है कि आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ से “फ्री बिजली” की दिशा में बढ़ाया जाएगा।
कांग्रेस की मांग- 200 यूनिट नहीं, 400 यूनिट तक बिल कम करो
कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने सीएम हाउस घेराव की घोषणा से घबराकर 200 यूनिट तक बिल कम किए हैं, लेकिन जनता को पूरी राहत तभी मिलेगी जब 400 यूनिट तक बिल आधा किया जाए।
कांग्रेस ने सरकार को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी दी है कि यदि बढ़े हुए दाम वापस नहीं लिए गए तो दिसंबर के दूसरे हफ्ते में मुख्यमंत्री निवास घेराव किया जाएगा।
पार्टी का आरोप है कि “देश के सबसे बड़े बिजली उत्पादक राज्यों में शामिल छत्तीसगढ़ में बिजली का इतना महंगा होना सरकार की नाकामी है।”














