सिविल लाइन से दादा-दादी नाना-नानी पार्क के बीच पंथी, सुआ और राऊत नाच की झांकी, सूर्य नमस्कार के विभिन्न आसनों की आकर्षक प्रतिमाएं भी

दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ी लोककला मार्ग का लोकार्पण किया।

शहर के सिविल लाइन से दादा-दादी नाना-नानी पार्क के बीच की सड़क को छत्तीसगढ़ी लोकनृत्यों पंथी, सुआ और राऊत नाच की छटा बिखेरती आकर्षक मूर्तियों से सजाया गया है। सड़क किनारे सुंदर लैंड स्कैपिंग के बीच चाक चलाते कुम्हार और हल चलाते किसान की भी प्रतिमा लगाई गई है। सड़क को नया रंग-रूप देकर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ भी बनाया गया है। लोगों को सेहतमंद बनाने और मानसिक-शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए प्रेरित करने सूर्य नमस्कार के विभिन्न आसनों को भी वहां प्रदर्शित किया गया है। लोकार्पण कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ वेयर हाउस कार्पोरेशन के अध्यक्ष अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल और नगर निगम के सभापति राजेश यादव भी शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ी लोककला और संस्कृति से राहगीरों को परिचित कराती दुर्ग शहर के बीचों-बीच करीब आधा किलोमीटर के इस छत्तीसगढ़ी लोककला मार्ग को करीब 58 लाख रुपए की लागत से आकर्षक रूप दिया गया है। नगर निगम और स्थानीय विधायक अरूण वोरा की विधायक निधि से लगभग 31 लाख रुपए की लागत से यहां प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झलकियां प्रदर्शित की गई हैं। वहीं नगर निगम द्वारा 27 लाख रुपए की लागत से सूर्य नमस्कार की विभिन्न मुद्राओं को प्रदर्शित करती मूर्तियां लगाई गई हैं।

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