जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जस्टिस मिश्रा ने कहा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति व छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिवों से कहा है हमें एक टीम की तरह काम करते हुए नालसा स्कीम एवं लीगल एड को आगे बढ़ाना है। हमें नालसा की थीम-सांग को बार-बार देखना चाहिये, जिसमें समाज के गरीब, कमजोर, दबे कुचले, सब लोगों के चेहरों  को खिले हुए दिखाये गये हैं, जो नालसा के नियमों को लागू करने से मिली हुई खुशी है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की गतिविधियां अब जिला न्यायालय का चेहरा बन रहा है। विधिक सेवा संस्थान से प्रकरणों का निपटारा किया जाकर दोनों पक्षों को राहत प्रदान किया जाता है। प्री-लिटिगेशन के माध्यम से भी लाभ प्रदान किया जा रहा है।  जिन लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, उन्हें लाभ दिलवाते हें तो उनका न्याय व्यवस्था पर विश्वास दृढ़ होता है। इसीलिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भी न्यायालय का चेहरा है।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पुराना उच्च न्यायालय बिलासपुर के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव व प्रभारी सचिवों के लिए एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव फील्ड में जाकर कार्य करें, जो कार्य कर रहे हैं उसे बढ़ाये।  सचिव, न्यायिक अधिकारी होता है और विधिक सेवा का कार्य भी एक न्यायिक कार्य है। विधिक सेवा संस्थान भी न्यायालय का एक महत्वपूर्ण अंग है।

दिल्ली में नौ नवम्बर को आयोजित प्रशस्ति समारोह का जिक्र करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हमारे यहां दूसरे राज्यों की अपेक्षा अच्छा कार्य हो रहा है, किन्तु उचित प्रस्तुतिकरण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि  अगले साल से राज्य स्तर पर समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें श्रेष्ठ जिला प्राधिकरण, पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वॉलिंटियर का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने सभी सचिवों को प्रत्येक सप्ताह जेल भ्रमण करने का भी निर्देश दिया। सजायाफ्ता बंदियों की अपील सुनिश्चित करने एवं सजा की स्थिति में उन्हें न्यायालय के फैसले की प्रति उपलब्ध कराने को कहा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उच्च-न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुडी ने कहा कि लीगल प्रावधानों की जानकारी सभी को है।  लोगों में संवेदनशीलता होनी चाहिए।  कार्यक्रम का मुख्य मकसद आप लोगों को जागरूक करना तथा प्राधिकरण के कार्य संचालन के दौरान आनी वाली समस्याओं को आपस में एक दूसरे से साझा कर उसका समाधान,सुझाव निकालने के लिए हैं।  हम विधिक प्रावधानों और  लोगों के बीच एक पुल की तरह कार्य करते हैं।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल नीलचंद सांखला ने विधिक सेवा संस्थान के प्रभावी संचालन के संबंध में जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के अध्यक्ष, जिला न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद ने नालसा की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में व्याख्यान दिया। रायगढ़  अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी ने पीडि़त क्षतिपूर्ति योजनाओं एवं उसके प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में बताया। जिला न्यायालय बिलासपुर के प्रशासनिक अधिकारी एल.एन. राय ने कार्यालयीन कार्यो के सम्पादन में आने वाली कठिनाईयों एवं उनके निराकरण के संबंध में जानकारी दी।

कार्यक्रम में 23 जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव उपस्थित हुए थे।  प्रशिक्षण कार्यक्रम का स्वागत भाषण राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने दिया। उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के सचिव भानुप्रताप सिंह त्यागी, जिला विधिक सेवा समिति के सचिव भागुप्रताप सिंह त्यागी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के विधिक सहायता अधिकारी विश्वभूषण मिश्र एवं शशांक शेखर दुबे ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के सचिव उमेश कुमार उपाध्याय ने किया। आभार प्रदर्शन राज्य विधिक सेवा की अवर सचिव श्वेता श्रीवास्तव ने किया।

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