बिलासपुर। रायगढ़ के व्यवसायी नटवरलाल अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने नाम का अपराधियों से जोड़ने पर कड़ी आपत्ति जताई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि मीडिया और समाज में नटवरलाल जैसे नामों का ठगों और जालसाजों के साथ जुड़ाव बंद किया जाए। कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
नाम से हो रहा अपमान
नटवरलाल अग्रवाल का कहना है कि “नटवरलाल” नाम का इस्तेमाल अपराधियों के लिए किया जाना उन्हें सामाजिक रूप से अपमानित कर रहा है। वे एक सम्मानित व्यवसायी हैं और उनका नाम समाज और व्यापार में उनकी प्रतिष्ठा का प्रतीक है। इस नाम को जालसाजों से जोड़ने से उनकी व्यक्तिगत पीड़ा बढ़ती है और उनका अच्छा नाम बदनाम हो रहा है।
धार्मिक भावनाएं भी आहत
अग्रवाल ने अपने याचिका में बताया कि ‘नटवर‘ नाम भगवान श्रीकृष्ण का नाम है, जिसे ‘नटवर नागर‘ के रूप में जाना जाता है। इस नाम का ठगों के लिए उपयोग करना न केवल उनके नाम का, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण और उनकी भक्ति का अपमान है। इससे उनके जैसे अन्य हमनाम लोगों की भी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
याचिका में शातिर ठग मिथलेश श्रीवास्तव का भी हवाला दिया गया है, जिसे पहली बार नटवरलाल के नाम से संबोधित किया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि किसी व्यक्ति के नाम का इस तरह का उपयोग उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने अमिताभ बच्चन से जुड़े एक मामले का भी उल्लेख किया, जिसमें बिना अनुमति नाम और छवि का उपयोग करना मौलिक अधिकारों का हनन माना गया।
नटवरलाल नाम के उपयोग पर पाबंदी की मांग
नटवरलाल अग्रवाल ने अदालत से अनुरोध किया है कि धारा 19(2) और धारा 21 के तहत नटवरलाल नाम का अपराधियों के संदर्भ में उपयोग पर रोक लगाई जाए। उनका मानना है कि इस गलत प्रचलन को बंद करने से उनके जैसे अन्य लोगों की छवि भी सुरक्षित रहेगी और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा होगी। हाईकोर्ट में याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है।