कोरबा। कटघोरा वनमंडल से वन्यजीव प्रेमियों के लिए दुखद खबर आई है। हसदेव नदी के डुबान क्षेत्र में सात दिन के हाथी शावक का शव मिला है। उसके शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट या घाव के निशान नहीं पाए गए। संभावना है कि झुंड के साथ नदी पार करते समय वह तेज बहाव में बह गया और उसकी मौत हो गई।

वन विभाग की टीम ने शव को सुरक्षित रखकर पोस्टमार्टम की तैयारी की है। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ सकेगी।

सखोदा क्षेत्र में 10 सितंबर को लिया था जन्म 

शनिवार की शाम गश्ती दल हसदेव नदी क्षेत्र में पहुंचा तो झाड़ियों के बीच शावक का शव दिखाई दिया। सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी अभिषेक दुबे मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि 10 सितंबर को सखोदा क्षेत्र में हथिनी ने इसी शावक को जन्म दिया था।डुबान क्षेत्र में फिलहाल हाथियों की मौजूदगी नहीं है।

वर्तमान में 54 हाथियों का झुंड पसान वन परिक्षेत्र के पनगंवा इलाके में विचरण कर रहा है।  कटघोरा वनमंडल में हाथियों का उत्पात लगातार बढ़ता जा रहा है। हाथी खेतों में घुसकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं और मकान, दुकान व वाहनों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस कारण ग्रामीण भयभीत हैं और सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं। खुरू पारा गांव के पांच परिवार पहले ही घर छोड़ चुके हैं।

फसलों को हाथियों से बचाने के लिए कुछ ग्रामीण हुकिंग कर तारों में करंट प्रवाहित कर रहे हैं। इससे हादसे भी हो रहे हैं। हाल ही में बांगो थाना क्षेत्र के आमा टिकरा गांव के हरमोड़ में करंट की चपेट में आने से बेतलो निवासी एक युवक की मौत हो गई थी।

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