रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से सामने आया पंचायत सचिव जयपाल सिदार की गुमशुदगी के बाद शव मिलने का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। करीब एक महीने की गहन जांच के बाद पुलिस ने हत्या का पर्दाफाश करते हुए इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया है, जिसमें जेल में बंद एक अपराधी ने सुपारी देकर हत्या करवाई। इस पूरे मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता पहले से ही हत्या के एक अन्य केस में जेल में बंद है।

कैसे गायब हुए थे जयपाल?

ग्राम पंचायत पाकरगांव में सचिव रहे जयपाल सिदार (43 वर्ष), जो पूर्व विधायक चक्रधर सिदार के भाई थे, 7 जुलाई की सुबह अपनी स्विफ्ट डिजायर कार (CG12 BA 6453) से बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। परिजनों ने अगले दिन थाना लैलूंगा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला जिले में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर काफी चर्चित बन गया था।

जांच में निकला सुपारी किलिंग

जांच जब आगे बढ़ी, तो पुलिस को जयपाल की मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से अहम सुराग मिले। संदेह की सुई तीन युवकों शुभम गुप्ता, कमलेश यादव और मदन गोपाल सिदारकी ओर घूमी। पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
शुभम गुप्ता ने बताया कि शिव साहू नामक युवक, जो पहले से ही सरिया थाना क्षेत्र में हत्या के एक मामले में जेल में बंद है, ने छह महीने पहले पेरोल पर बाहर आकर जयपाल की हत्या करवाने के लिए एक लाख रुपये की सुपारी दी थी। शुभम और उसके साथियों ने यह सुपारी स्वीकार कर ली।

हत्या का पूरा प्लान पहले से तैयार था

हत्या की योजना जून महीने में बन चुकी थी। 3 जुलाई को शिव साहू दोबारा पेरोल पर जेल से बाहर आया और शुभम को ₹10,000 एडवांस दिए।
7 जुलाई की सुबह शुभम, कमलेश और मदन गोपाल ने जयपाल सिदार को कोतबा चलने का झांसा देकर कार में बिठाया। रास्ते में ही चलती गाड़ी में गमछा से गला दबाकर जयपाल की हत्या कर दी गई।

इसके बाद आरोपी शव को कार में छिपाकर कई स्थानों पर घूमे और अंततः धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र के सिसरिंगा घाटी में शव को फेंक दिया।
मोबाइल फोन को मैनपाट के जंगल में फेंका गया, और गाड़ी से नंबर प्लेट हटाकर उसे लाखा (पूंजीपथरा) क्षेत्र में सड़क किनारे खड़ा कर आरोपी फरार हो गए।
हत्या में इस्तेमाल गमछे को जला दिया गया ताकि सबूत मिटाए जा सकें।

पुलिस की तफ्तीश और सफलता

पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के निर्देश पर सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, एसडीओपी सिद्धांत तिवारी, साइबर सेल और लैलूंगा-धरमजयगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर इस मामले की तह तक पहुंची।
आरोपियों से पूछताछ, तकनीकी साक्ष्यों और घटनास्थल की पड़ताल के बाद आखिरकार तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपी:

  1. मदन गोपाल सिदार (19 वर्ष) – निवासी पाकरगांव, थाना लैलूंगा
  2. शुभम गुप्ता उर्फ युगल किशोर (20 वर्ष) – निवासी पाकरगांव, थाना लैलूंगा
  3. कमलेश यादव (19 वर्ष) – निवासी मथपहाड़, थाना बागबहार, जिला जशपुर
  4. शिव साहू – मुख्य साजिशकर्ता, वर्तमान में रायगढ़ जेल में बंद

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 238, 61(2), और 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। हत्या की वजह को लेकर आगे की विवेचना थाना लैलूंगा में की जा रही है।

क्यों हुआ यह मामला चर्चित?

  • मृतक जयपाल सिदार पूर्व विधायक चक्रधर सिदार के भाई थे, जिससे यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन गया था।
  • साजिशकर्ता खुद जेल में बंद रहते हुए हत्या की योजना बनाता है, जो पुलिस के लिए भी हैरान करने वाला था।
  • हत्यारे युवक न केवल कम उम्र के थे बल्कि स्थानीय और जान-पहचान वाले थे, जिससे विश्वासघात की भावना भी सामने आई।

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