बालोद।  प्रदेश के जंगलों में सरकारी योजनाओं के तहत चल रहे काम और जमीन विवाद के बीच ऐसा टकराव अब प्रशासन के लिए नई चुनौती बनता जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में जल संरक्षण के एक काम का निरीक्षण करने पहुंची वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने अचानक हमला कर दिया। लाठी-डंडों से हुए इस हमले में चार वनकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच ग्रामीण महिलाओं को भी चोटें आई हैं। मामला वन भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है।  अतिक्रमण को लेकर वन विभाग कर्मचारियों पर हमले की यह दूसरी घटना है, जबकि लकड़ी तस्करी रोकने भी एक बार हाल ही में हमला हुआ है।

परकोलेशन टैंक का निरीक्षण करने गई थी टीम

डौंडी वन परिक्षेत्र के पेंवारी गांव में वन विभाग की टीम कक्ष क्रमांक 156 में बन रहे परकोलेशन टैंक (कुंड) का निरीक्षण कर रही थी। तभी करीब 50-60 ग्रामीण, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, वहां पहुंच गए और टीम पर अचानक हमला कर दिया। ग्रामीणों ने लाठियों से वनकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

चार वनकर्मी घायल, थाने में दर्ज हुई शिकायत

हमले में डिप्टी रेंजर, एक वनपाल और दो फॉरेस्ट गार्ड घायल हुए हैं। सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही वनकर्मी डौंडी थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। वहीं, घायल ग्रामीण महिलाओं का इलाज डौंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।

जमीन को लेकर पहले से चल रहा था विवाद

डौंडी रेंजर जीवन भोंडेकर ने बताया कि पेंवारी गांव को 72 एकड़ वन भूमि पर अधिकार देने के लिए वन अधिकार पत्र (पट्टा) जारी किया गया है। इसके बावजूद कुछ ग्रामीण उस जमीन को पूरी तरह अपनी बताकर कब्जा करना चाहते हैं। मई महीने में भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी, जिससे नाराजगी की आशंका जताई जा रही है। सुशासन तिहार के दौरान भी इस जमीन पर कब्जा करने के लिए ग्रामीणों ने आवेदन दिया था, जिसे निरस्त कर दिया गया था। इस जमीन पर वन विभाग अब प्लांटेशन करने जा रहा था।

FIR में छह नामजद, कई अज्ञात

डौंडी थाना प्रभारी उमा ठाकुर ने बताया कि घटना की प्रारंभिक जांच में जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद की बात सामने आई है। ग्रामीण जिस जमीन को अपनी बता रहे हैं, वह वन विभाग की है। वन विभाग ने इसे एकतरफा हमला बताया है। पुलिस ने 6 नामजद ग्रामीणों सहित कई अज्ञात लोगों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने, मारपीट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।

जून माह में हमले की यह तीसरी घटना

बालोद की घटना कोई पहली नहीं है। जून महीने में ही यह तीसरा मौका है जब वन विभाग की टीम पर हमला हुआ है।

1 जून की रात को बिलासपुर जिले के कोटा इलाके में सेमरिया बीट के जंगल में सागौन की अवैध कटाई की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम पर लकड़ी तस्करों ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। इस हमले में डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

इसके बाद 12 जून को गरियाबंद जिले के सोहागपुर बिट के पास परसूली मार्ग में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर भी हमला हुआ। लाठी और कुल्हाड़ी से लैस अतिक्रमणकारियों ने न केवल हमला किया, बल्कि पांच वनकर्मियों को करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा। बाद में गरियाबंद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

अब बालोद में पेंवारी गांव की यह घटना सामने आई है, जो दिखाती है कि वन विभाग की टीम लगातार हमलों का सामना कर रही है और उनकी सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here