मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की आयुसीमा का बंधन समाप्त करने की घोषणा
रायपुर । स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रवेश के लिये आयुसीमा के बंधन को समाप्त कर दिया है।
केन्द्र द्वारा घोषित की गई समग्र शिक्षा नीति में भी इसकी घोषणा की गई है। मध्यप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों ने प्रवेश में आयुसीमा का बंधन समाप्त कर दिया है। ज्ञात हो कि विभिन्न श्रेणियों में राज्य में नौकरियों के लिये आवेदन करने की पात्रता विशेषकर महिलाओं को 40-45 वर्ष तक मिली हुई है किन्तु कॉलेज में प्रवेश की अधिकतम आयु 27 वर्ष ही रखी गई है। यह विसंगतिपूर्ण प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति 27 वर्ष के बाद आगे की पढ़ाई कर अपनी योग्यता के अनुरूप नौकरी हासिल करना चाहता हो तो उन्हें कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाता था। छत्तीसगढ़ में सिर्फ 13 प्रतिशत नामांकन, अब स्थिति सुधरेगी-प्रो. बाजपेयी
अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि समग्र शिक्षा नीति में सन् 2035 तक उच्च शिक्षा में नामांकन का प्रतिशत 50 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी राष्ट्रीय औसत 26 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में तो केवल 13 प्रतिशत यानि राष्ट्रीय औसत से भी आधा है। ऐसे में जो लोग गरीबी के कारण या अन्य किसी वजह से पढ़ाई नहीं कर पाये, उनको अब किसी भी उम्र में अध्ययन का अवसर मिल सकेगा। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या पिछड़े वर्ग तथा आदिवासियों की है। उच्च शिक्षा से वंचित होने वाले इन समुदायों को भी अब मौका मिल सकेगा तथा नामांकन के औसत में सुधार होगा। इनके नौकरी व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
प्रो. बाजपेयी ने कहा कि इसके साथ ही उच्च-शिक्षा में संसाधनों को बढ़ाना पड़ेगा। भवन, शिक्षक, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी आदि की संख्या बढ़ानी होगी।
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