गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में बढ़ते साइबर फ्रॉड और म्यूल बैंक खातों के दुरुपयोग को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) भावना गुप्ता ने बैंक प्रबंधकों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक का आयोजन लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर उदय कवीश्वर की देखरेख में हुआ, जिसमें बैंकिंग प्रणाली में म्यूल खातों की रोकथाम और साइबर अपराधों पर नियंत्रण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
म्यूल खातों की पहचान के लिए सोशल मीडिया ग्रुप
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले के सभी बैंक शाखाओं के बीच एक साझा सोशल मीडिया ग्रुप बनाया जाएगा। इस ग्रुप के माध्यम से बैंकों को संदेहास्पद खातों और लेन-देन की जानकारी साझा करने में सुविधा होगी, जिससे संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
इसके अलावा, साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों की होल्ड राशि की वापसी प्रक्रिया को तेज करने पर भी सहमति बनी, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
बैंकों को KYC प्रक्रिया मजबूत करने के निर्देश
एसपी भावना गुप्ता ने बैंक वार आंकड़ों के साथ बताया कि जिले में कई म्यूल बैंक खाते सक्रिय हैं, जिनका उपयोग साइबर अपराधों में किया जा रहा है। उन्होंने सभी बैंक प्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को और सख्त करें और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खाता खोलने की संभावनाओं को खत्म करें।
मिलीभगत मिली तो होगी कड़ी कार्रवाई
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कुछ मामलों में बैंक कर्मियों की अनजाने या जानबूझकर मिलीभगत भी सामने आ सकती है। एसपी ने स्पष्ट किया कि यदि किसी बैंक कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई, तो उसे आपराधिक षड्यंत्र में शामिल मानकर उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बैंकों को पुलिस से समन्वय के निर्देश
एसपी ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी को प्राथमिकता के आधार पर तय समयसीमा में साझा करें। किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
ग्राहकों को करें जागरूक
बैठक के अंत में, पुलिस अधीक्षक ने बैंक प्रबंधकों से अपील की कि वे ग्राहकों को जागरूक करें कि वे अपने बैंक खातों को किसी अन्य व्यक्ति को उपयोग के लिए न दें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो तुरंत बैंक या पुलिस को सूचित करें।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल, डीएसपी दीपक मिश्रा, साइबर सेल उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, सहायक उप निरीक्षक मनोज हनोतिया, और आरक्षक दुष्यंत मसराम उपस्थित रहे।