बिलासपुर। प्रदेश में सड़कों की जर्जर हालत पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सरकार और ठेकेदारों पर सवाल उठाए। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु ने कहा कि प्रदेश की सड़कों की हालत बहुत ही दयनीय है, जिससे आम नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी हादसों का शिकार हो रहे हैं। कोर्ट ने सवाल किया, “क्या सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदार कानून से ऊपर हो गए हैं?”

सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि मरम्मत के लिए फंड जारी कर दिया गया है। इस पर हाई कोर्ट ने तल्ख अंदाज में पूछा, “इस फंड का सही उपयोग होगा या इसका दुरुपयोग?” अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

सड़कों की खराब हालत को लेकर हाई कोर्ट ने वर्ष 2021 में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद 2022 और 2023 में दाखिल दो अन्य जनहित याचिकाओं को भी इसी मामले में शामिल किया गया। चीफ जस्टिस की बेंच ने तीन न्याय मित्रों की नियुक्ति की थी और एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग तथा नगर निगम को नोटिस जारी किया गया था। 29 जुलाई की सुनवाई में बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र की सड़कों की खराब स्थिति और सेंदरी ब्लैक स्पॉट पर हो रहे हादसों पर भी चर्चा की गई थी। बिलासपुर-रायपुर एनएच और नया धनेली-मंदिर हसौद रोड की जर्जर हालत को लेकर भी कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी और एनएचएआई और नगर निगम से शपथ पत्र मांगा था।

एनएचएआई की ओर से एडवोकेट धीरज वानखेड़े ने कोर्ट को बताया कि सेंदरी क्षेत्र में ब्लैक स्पॉट पर हादसों को रोकने के लिए नई सर्विस लेन बनाने का कार्य शुरू हो चुका है और इसके लिए वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है। वहीं, बिलासपुर नगर निगम के एडवोकेट संदीप दुबे ने कहा कि सड़कों की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है और सरकार ने इसके लिए फंड जारी कर दिया है।

चीफ जस्टिस सिन्हा ने राज्य सरकार के वकील से कहा, “आप लोग भी तो सड़क पर चलते होंगे। गड्ढों से भरी सड़कों पर चलते वक्त ये ध्यान नहीं आता कि इन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी भी आपकी है?” उन्होंने हाल ही में हुए सड़क हादसों का हवाला देते हुए कहा कि अब जनप्रतिनिधि भी सड़कों की बदहाली का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति का जीवन कीमती है, चाहे वह आम आदमी हो या खास। सरकार और ठेकेदारों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।”

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