बिलासपुर। अरपा नदी के पुनर्जीवन को लेकर दायर याचिका पर शासन की ओर से हाईकोर्ट में कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। हाईकोर्ट ने समयबद्ध योजना के साथ रिपोर्ट पेश करने कहा है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी में रखी गई है।

अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अरपा नदी को हो रही क्षति से बचाने और इसके संवर्धन के लिए शासन को निर्देश देने की मांग की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन को कार्ययोजना बनाकर देने के लिए कहा था। इसके बाद बिलासपुर व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर, अतिरिक्त महाधिवक्ता मीना शास्त्री व संबंधित विभागों के अधिकारियों ने उद्गम स्थल का इस माह 8 नवंबर को निरीक्षण किया था।

इसकी रिपोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी एवं जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में पेश की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि उद्गम स्थल के संवर्धन के लिए गौरेला में 5 एकड़ जमीन कोअधिग्रहित किया जाएगा और यहां पर जल कुंड बनाया जाएगा। इसके अलावा स्टाप डेम तथा एनीकट भी बनाए जाएंगे। अरपा से जुड़ने वाली सहायक नदी नालों का सुधार किया जाएगा। जीपीएम और बिलासपुर जिले में अरपा नदी पर जल ससाधन और वन विभाग की ओर से जल संवर्धन की कुल 63 योजनाएं बनाई गई हैं। कोर्ट ने सिलसिलेवार सभी योजनाओं के पूरा होने की समय सीमा बताने का निर्देश शासन को दिया। मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में रखी गई है।

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