महिला अधिकारी ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप  

बिलासपुर। विवाह का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने और गर्भवती होने के बाद गर्भपात कराने का मामला जांजगीर-चांपा जिले में सामने आया था, जिसमें एक महिला अधिकारी ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर पुलिस ने आरोपी अरविंद श्रीवास के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दो)(एन) के तहत केस दर्ज कर चालान ट्रायल कोर्ट में पेश किया था।

ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए आरोपी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका पर सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि पीड़िता बालिग, विवाहित, पढ़ी-लिखी और अधिकारी पद पर कार्यरत है। ऐसे में यह मानना मुश्किल है कि उसने जबरन या झांसे में आकर संबंध बनाए होंगे।
पीड़िता ने वर्ष 2017 में अरविंद श्रीवास पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था। वह गर्भवती हुई और 27 दिसंबर 2017 को उसका गर्भपात कराया गया। इसके बाद 1 फरवरी 2018 को पीड़िता ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

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