बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल माध्यमिक शिक्षा मंडल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने  कहा कि इस संस्था को आयकर छूट का पूरा हक है और आयकर विभाग ने जो टैक्स लगाया था, वह गलत है।

यह मामला वित्तीय वर्ष 2016-17 का है, जब ओपन स्कूल ने अपनी आय पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 11 और 12 के तहत छूट मांगी थी। लेकिन आयकर विभाग ने छूट देने से इनकार करते हुए करीब 5.24 करोड़ रुपये का टैक्स लगा दिया और 14 दिसंबर 2018 को आदेश भी जारी कर दिया।

संस्था ने इस फैसले को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में चुनौती दी, लेकिन वहां से भी अपील खारिज हो गई। इसके बाद संस्था ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी शामिल थे, ने सुनवाई के बाद संस्था के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि चूंकि संस्था को 14 जुलाई 2023 को आयकर अधिनियम की धारा 12AA के तहत रजिस्ट्रेशन मिल चुका है, इसलिए यह पंजीयन पुराने वर्षों पर भी लागू होगा—क्योंकि उस दौरान अपील की प्रक्रिया चल रही थी।

कोर्ट ने ITAT के फैसले को गलत बताया और कहा कि अपील लंबित होने का मतलब है कि मामला अभी निपटा नहीं है। इसलिए इस दौरान मिला रजिस्ट्रेशन भी मान्य होगा।

हाईकोर्ट ने साफ कहा कि संस्था आयकर छूट की पूरी हकदार है और आयकर विभाग का तर्क कि छूट केवल उस वक्त मिलेगी जब मामला कर अधिकारी के पास लंबित हो, पूरी तरह गलत है।

कोर्ट ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण का फैसला रद्द कर दिया और आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह फिर से कर निर्धारण का आदेश पारित करे।

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