एएआई, राज्य सरकार और अलायंस एयर को अलग-अलग नोटिस

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए एयरलाइंस अथॉरिटी ऑफ इंडिया से पूछा है कि बिलासपुर-भोपाल उड़ान केवल 4 माह में बंद किए जाने के मामले में अलायंस एयर पर उसने क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी 45 दिन के भीतर बताने के लिए कहा है कि सेना से जमीन की वापसी कब और कैसे होगी।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासपुर में हवाई सेवा को लेकर दायर जनहित याचिका पर जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस पी सैम कोशी की पीठ में सुनवाई हुई। उड़ान 4 योजना के तहत मंजूर फ्लाइट को 3 साल तक लगातार चलाने का करार अलायंस एयर कंपनी ने उड़ान योजना की नोडल एजेंसी एएआई से किया था परंतु इसे केवल 4 महीने में बीते साल 25 सितंबर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। अब तक यह फ्लाइट दोबारा शुरू नहीं की गई है। आज अपने जवाब में एएआई ने कहा है कि बिलासपुर भोपाल उड़ान बंद करना सही नहीं है और उसे नोटिस देने की तैयारी चल रही है। इस पर खंडपीठ ने 8 माह में नोटिस भी नहीं देने पर सवाल उठाया। एएआई ने कहा कि बिलासपुर भोपाल उड़ान बंद कर बिलासपुर इंदौर फ्लाइट शुरू की गई थी परंतु उसे उड़ान योजना का दर्जा नहीं दिया गया था इसलिए उसमें वीजीएफ सब्सिडी नहीं दी गई। इसे बंद करना अलायंस एयर का व्यावसायिक निर्णय है।

शुक्रवार की सुनवाई में सेना के कब्जे वाली एयरपोर्ट की 1012 एकड़ जमीन की वापसी का मुद्दा भी उठा। खंडपीठ ने पूछा कि यदि जमीन वापसी के लिए केंद्र व राज्य सरकार दोनों की सैद्धांतिक सहमति है तो इस पर समयबद्ध कार्यक्रम होना चाहिए। खंडपीठ ने इसके लिए 45 दिन का समय देते हुए कहा कि इस जनहित के कार्य के लिए यथाशीघ्र ठोस कदम उठाया जाना चाहिए। इसके पहले सेना के कब्जे से 28 एकड़ जमीन को तुरंत वापस करने या उस पर काम करने की अनुमति देने का मामला भी उठा परंतु सभी पक्षों को सुनकर खंडपीठ ने पूरी 1012 एकड़ जमीन को एक बार में ही वापस लेने के प्रस्ताव को उचित माना।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव और सुदीप श्रीवास्तव, एएआई की ओर से अनुमेह श्रीवास्तव, केंद्र सरकार की ओर से उप सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा और राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता हरप्रीत अहलूवालिया ने बहस की। अगली सुनवाई मई के दूसरे सप्ताह में होगी। इसके लिए अलायंस एयर को भी अलग से नोटिस जारी की गई है।

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