बिलासपुर। सिम्स मेडिकल कॉलेज की दुर्दशा से नाराज हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि यहां की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एक आईएएस को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाए। 
बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिंह और जस्टिस एन के चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच के समक्ष सिम्स के निरीक्षण की रिपोर्ट हाई कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए तीन कमिश्नरों और राज्य शासन के स्वास्थ्य सचिव की ओर से प्रस्तुत की गई।
कोर्ट कमिश्नर सूर्य कावलकर डांगी, संघर्ष पांडे और अपूर्व त्रिपाठी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया कि विभिन्न विभागों में गंदगी है, मरीजों को इलाज के लिए लंबी कतार लगानी पड़ रही है और अनेक बड़ी मशीन काम नहीं कर रही हैं। ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं होने के कारण गंदा पानी जमा रहता है जिससे बीमारियों की आशंका बनी रहती है। इससे जांच और उपचार की व्यवस्था बिगड़ गई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया कि विभिन्न विभागों में बंद पड़ी मशीनों को शुरू कराया जा रहा है। यहां व्याप्त अव्यवस्थाओं को जल्दी दूर कर लिया जाएगा। यहां कर्मचारियों की संख्या भी पर्याप्त नहीं है। यह कमी भी यथाशीघ्र दूर की जाएगी।
प्रस्तुत रिपोर्ट में दर्शाये गए तथ्यों को लेकर नाराजगी जताते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि मरीजों की जिंदगी बचाना हमारी प्राथमिकता में है। शासन की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता से बेंच ने कहा कि जल्द ही एक आईएएस को यहां पर ओएसडी के रूप में नियुक्त किया जाए। महाधिवक्ता ने इस संबंध में तत्काल मुख्य सचिव से चर्चा करने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि समाचार पत्रों में सिम्स में व्याप्त अव्यवस्था की खबरों और तस्वीरों पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। मामले की सुनवाई अभी जारी रहेगी।

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