बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नक्सल ऑपरेशन में शामिल एक प्रधान आरक्षक की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया है कि नियमानुसार पात्रता की जांच कर उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाए।
कबीरधाम जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश पटेल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दायर याचिका में बताया कि 2018 में उन्होंने तरेगांव थाना के घूमाकछार में पुलिस टीम के साथ सर्च ऑपरेशन किया और अपनी जान जोखिम में डालकर नक्सलियों को मार गिराया। इसके बावजूद उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन नहीं मिला। छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन के एक्ट 70 में प्रावधान है कि वीरता एवं जान जोखिम में डालकर कोई ड्यूटी की जाती है तो उनसे उच्च पद पर पदोन्नत किया जाता है। विभाग ने उसके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया।
याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने प्रधान आरक्षक की पात्रता की जांच कर सहायक उप निरीक्षक पद पर पदोन्नत करने का आदेश दिया।