बिलासपुर। हवाई सुविधा विस्तार के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि महानगरों तक सीधी उड़ान के लिए सब्सिडी के प्रस्ताव पर वे उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर राज्य सरकार का पक्ष सुनिश्चित करे। साथ ही कोर्ट ने 287 एकड़ जमीन पर काम करने की अनुमति के संबंध में भी विवरण दाखिल करने कहा है।
आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजीसीए और केंद्र सरकार से जानना चाहा कि बिलासपुर दिल्ली के बीच सीधे उड़ान का रूट निर्धारित क्यों नहीं किया गया। इसके अलावा एयरपोर्ट बाउन्ड्रीवाल के निर्माण में हो रही देरी पर कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों के बीच कोई भी विवाद हो निर्माण कार्य नहीं रुकना चाहिए।
हाईकोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की खंडपीठ ने बिलासपुर में हवाई सुविधाओं के विकास के लिए दाखिल जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से सभी बिंदुओं पर दो सप्ताह के भीतर जानकारी मांगी है। सुनवाई की अगली तारीख एक फरवरी तय की गई है।
खंडपीठ ने आज अलायन्स एयर द्वारा दाखिल शपथ पत्र पढ़ा और दिल्ली बिलासपुर फ्लाइट बंद करने के निर्णय के कारणों को संतोषजनक नहीं माना और इसे और स्पष्ट करने के लिए कहा।
याचिकाकर्ताओं की और से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव, सुदीप श्रीवास्तव, राज्य सरकार से राजकुमार गुप्ता, अलायन्स एयर की ओर से शोभित कोष्टा, केंद्र की ओर से रमाकांत मिश्रा, एएआई की और से अनुमेह श्रीवास्तव सुनवाई में उपस्थित थे।