बिलासपुर। प्रदेश में संचालित इंटरसिटी और सिटी बसों की बदहाल स्थिति को लेकर 17 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें शासन ने बताया कि सभी रूट्स पर किराया अब पूर्णांक में राउंड ऑफ कर दिया गया है। इसके अलावा, बसों की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश की जाएगी।
हाईकोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान
प्रदेश में सिटी बसों की जर्जर हालत और अंतर-नगरीय बस सेवा की अव्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की थी। पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने सवाल उठाया था कि खटारा बसों को बदलने के लिए शासन क्या कदम उठा रहा है?
जल्द दौड़ेंगी PME बसें-सरकार
तब शासन की ओर से जवाब दिया गया था कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत पीएमई (PME) बसें जल्द आ रही हैं, जिससे यह समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन इस बीच, पुरानी बसों की जर्जर हालत और निजी बस संचालकों के किराया निर्धारण को लेकर अदालत ने सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी थी।
किराया अब पूर्णांक में, यात्रियों को राहत
आज मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार अब सभी बसों का किराया राउंड ऑफ कर दिया गया है। इससे अब किसी भी रूट पर दशमलव में किराया नहीं होगा, जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी और किराया विवाद की स्थिति भी समाप्त हो जाएगी।
शासन को अगली सुनवाई तक देनी होगी पूरी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि फिलहाल कितनी सिटी बसें फिट होकर चल रही हैं और कितनी जर्जर हो चुकी हैं? शासन को इस संबंध में अगली सुनवाई तक पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
अगली सुनवाई अप्रैल माह में होगी, जिसमें प्रदेश में संचालित सिटी बसों और इंटरसिटी बसों की वास्तविक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी।
यात्रियों को जल्द मिल सकती है बेहतर बस सेवा
शासन द्वारा हाईकोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद यह तय होगा कि क्या नई बसों की सुविधा यात्रियों को मिलेगी या नहीं। यदि कोर्ट को लगता है कि स्थिति सुधारने की आवश्यकता है, तो सरकार को जल्द नए विकल्पों पर काम करना होगा।
इस मामले की आगामी सुनवाई अब अप्रैल में होगी, जिसमें सरकार की ओर से विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी।