बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर में की जा रही साइकेट्रिक सोशल वर्कर की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए शासन से जवाब मांगा है।
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक की ओर से 15 जून 2022 को विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें साइकेट्रिक सोशल वर्कर के भी 5 पद थे। इसमें न्यूनतम योग्यता एमए साइकोलॉजी रखी गई। इसे अभ्यर्थी दुर्ग के हिमांशु खापर्डे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार ने मेंटल हेल्थ केयर एक्ट लागू किया है जिसके तहत उक्त पद के पात्र व्यक्ति को एमएसडब्ल्यू के साथ मनोरोग में एमफिल होना आवश्यक है। राज्य सरकार ने भी सन् 2013 में इस नियम को लागू कर दिया। सन् 2020 में इस नियम को संशोधित कर दिया गया और कहा गया कि सिर्फ एमए साइकोलॉजी डिग्रीधारक इस पद के लिए त्र होंगे। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ मेंटल हेल्थ केयर एक्ट के नियम 12 में भी कहा गया है कि अभ्यर्थी को एमएसडब्ल्यू होना चाहिए। याचिका में संशोधन को शून्य घोषित करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने चयन की प्रक्रिया को स्थगित करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई दशहरा अवकाश के बाद होगी।