बिलासपुर। मनेन्द्रगढ़ स्थित राम मंदिर के पुजारी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एट्रोसिटी एक्ट के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

क्या है मामला?
वार्ड क्रमांक 17, राम मंदिर परिसर मनेन्द्रगढ़ निवासी रामचरित द्विवेदी, ठाकुर प्रसाद द्विवेदी उर्फ सोनू, नित्यानंद द्विवेदी और दिनेश कुमार द्विवेदी के खिलाफ नरसिंह वासिया (वार्ड क्रमांक 7) ने जातिगत अपमान का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त 2023 की शाम मंदिर परिसर में बच्चों के क्रिकेट खेलने के दौरान उनके साथ जाति सूचक गालियां की गईं।

घटना के बाद पुलिस में शिकायत की गई थी, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन दिया, जिस पर 15 जुलाई 2025 को न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने और जांच के निर्देश दिए। इसी आधार पर 23 सितंबर 2025 को अपराध क्रमांक 157/2025 दर्ज किया गया।

याचिकाकर्ताओं की दलील
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अमित कुमार ने हाईकोर्ट में दलील दी कि शिकायत झूठी है और पुरानी रंजिश के चलते उनके मुवक्किलों को फंसाया गया है। उन्होंने बताया कि उसी दिन दोनों पक्षों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 107 और 116(3) के तहत मामला दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता मंदिर में पुजारी का कार्य करते हैं और उन्होंने कभी जातिगत टिप्पणी नहीं की।

हाईकोर्ट का आदेश
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने का समय दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक या बीएनएस की धारा 193(3) के तहत पुलिस रिपोर्ट आने तक, जो पहले हो, तब तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।

साथ ही, याचिकाकर्ताओं को जांच में सहयोग करने और बुलाए जाने पर जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।

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