अंतिम आदेश तक पांच पद सुरक्षित रखने का आदेश दिया हाईकोर्ट ने 

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने शिक्षकों के  14 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया के बाद परीक्षा परिणाम जारी करने की छूट दे दी है लेकिन निर्देश दिया है कि अंतिम आदेश होते तक याचिकाकर्ताओं के पक्ष में पांच पदों को सुरक्षित रखा जाए।  
हाईकोर्ट में वेदप्रकाश व 4 अन्य अभ्यर्थियों ने व्याख्याता, शिक्षक तथा सहायक शिक्षक के 14 हजार पदों पर की जा रही भर्ती के विज्ञापन को चुनौती दी है। याचिका में 4 मई 2023 को निकाले गए विज्ञापन को चुनौती दी गई थी जिसमें अतिथि शिक्षकों के लिए 10 प्रतिशत बोनस अंक देने तथा विषयवार पद का विवरण नहीं देने पर आपत्ति की गई थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि नियुक्ति प्रक्रिया को शासन जारी रख सकता है लेकिन भर्ती का आदेश न्यायालय की अनुमति के बिना निकाला जाएगा। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 14 अगस्त को तय की गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने प्रकरण की शीघ्र सुनवाई और स्थगन हटाने के लिए आवेदन लगाया गया, जिसकी गुरुवार को सुनवाई हुई। शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा व उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन की तिथि 4 मई 2023 को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि अतिथि शिक्षकों को 10 प्रतिशत बोनस अंक दिया जाएगा। साथ ही विषयवार विज्ञापन की जगह सभी विषयों के विज्ञापन एक साथ निकाले जाएंगे। महाधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि याचिका में पूर्ण स्थगन होने से राज्य सरकार परिणाम निकलने के बाद आगे की कार्रवाई नहीं कर पा रही है, जबकि राज्य सरकार ने नियमों में संषोधन करने के बाद ही विज्ञापित पदों पर भर्ती आरंभ की थी। इसका परीक्षा परिणाम भी आ चुका है। प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए स्थगन आदेश को हटाया जाना उचित होगा। न्यायाधीश पी.सैम कोशी की पीठ ने सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार को नियुक्ति जारी रखने का आदेश दिया एवं  5 पद अभ्यर्थियों के लिए पद सुरक्षित रखने का आदेश दिया, जिससे षिक्षकों की भर्ती शीघ्र की जा सकेगी।

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